Category: Personalities

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त्रिवेणी धाम के पूज्य संत नारायण दासजी महाराज का देवलोकगमन

त्रिवेणी धाम के महाराज पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित नारायण दास महाराज का शनिवार, 17 नबंवर को देवलोकगमन हो गया. 94 साल की उम्र में उनके निधन की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर...

स्वतंत्रता संग्राम के एक अज्ञात सेनापति डॉक्टर हेडगेवार 0

स्वतंत्रता संग्राम के एक अज्ञात सेनापति डॉक्टर हेडगेवार

चिरसनातन अखण्ड भारत की सर्वांग स्वतंत्रता के लिए कटिबद्ध राष्ट्रीय स्वयंसेवक के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे अज्ञात सेनापति थे जिन्होंने अपने तथा अपने संगठन के नाम से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में अपना...

राष्ट्रीय विचार आधारित साहित्य के प्रचार में लगे व्यक्तित्व का सम्मान 0

राष्ट्रीय विचार आधारित साहित्य के प्रचार में लगे व्यक्तित्व का सम्मान

 यों तो श्रीनाथजी राव का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं, क्योंकि भारती भवन में आने वाला कोई भी स्वयंसेवक उनके नाम से अच्छी तरह से परिचित है ज्ञान गंगा प्रकाशन जो कि राष्ट्रीय...

रानी पद्मिनी का जौहर 0

जलती चिताएं उसे मुंह चिढ़ा रही थी (रानी पद्मिनी का जौहर)

चित्तौड़ का पहला जौहर (26 अगस्त/इतिहास-स्मृति) जौहर की गाथाओं से भरे पृष्ठ भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं। ऐसे अवसर एक नहीं, कई बार आये हैं, जब हिन्दू ललनाओं ने अपनी पवित्रता की रक्षा...

वं. उषाताई चाटी 0

स्मृति शेष : वं. उषाताई चाटी, राष्ट्र सेविका समिती की तृतीय प्रमुख संचालिका

विसंके जयपुर। वं. उषाताई मूलतः भंडारा (विदर्भ) निवासी फणसे कुल की कन्या है। आपका जन्म ३१ अगस्त १९२७, तिथी भाद्रपद शुद्ध चतुर्थी याने गणेश चतुर्थी के दिन हुआ। बुद्धिदाता और गणों का नायकत्व करनेवाले...

एक साधु ने जीजामाता के चरणों में जब माथा टेका, तो माता की आँखें भर आयीं 0

एक साधु ने जीजामाता के चरणों में जब माथा टेका, तो माता की आँखें भर आयीं (17 अगस्त/इतिहास-स्मृति)

और वे निकल भागे औरंगजेब की जेल से शिवाजी और संभाजी  …… मिर्जा राजा जयसिंह के आग्रह पर शिवाजी ने आगरा में औरंगजेब से मिलने का निश्चय कर लिया। उनकी योजना थी कि औरंगजेब...

अमर बलिदानी खुदीराम बोस 0

अमर बलिदानी खुदीराम बोस (11 अगस्त/बलिदान-दिवस )

भारतीय स्वतन्त्रता के इतिहास में अनेक कम आयु के वीरों ने भी अपने प्राणों की आहुति दी है। उनमें खुदीराम बोस का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जाता है। उन दिनों अनेक अंग्रेज अधिकारी भारतीयों...

अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन 0

जननी-जन्मभूमि के प्रति अपार बलिदानी भावना रखने वाले तरुण तपस्वी

अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन (25 जुलाई/बलिदान-दिवस) 1947 से पूर्व भारत में राजे-रजवाड़ों का बोलबाला था। कई जगह जनता को अंग्रेजों के साथ उन राजाओं के अत्याचार भी सहने पड़ते थे। श्रीदेव ‘सुमन’ की जन्मभूमि...

मांगणियार गायिका रुकमा देवी 0

थार की “लता” रुकमा देवी मांगणियार (21 जुलाई/पुण्य-तिथि)

राजस्थान के रेगिस्तानों में बसी मांगणियार जाति को निर्धन एवं अविकसित होने के कारण पिछड़ा एवं दलित माना जाता है। इसके बाद भी वहां के लोक कलाकारों ने अपने गायन से विश्व में अपना...