जयपुर। रा.स्वयंसेवक संघ के सह—सरकार्यवाह श्री कृष्णगोपाल जी ने कहा कि आजादी से पहले अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया। उनकी ओर से दी शिक्षा ने देश के युवाओं में देशप्रेम की भावन खत्म कर दी। इसके कारण अपने ही देश के युवा देश के बारे में भला—बुरा कहने लगे। अंग्रजों ने देश में चलनेवाले गुरूकुल और शिक्षा संस्थानों को अमान्य करार दिया। इनमें पढनेवाले युवा की पढाई का कोई महत्व नहीं माना। शिक्षकों को सिर्फ एक वेतनभोगी व पदोन्नती तक ही सीमित कर दिया। शिक्षक केवल और केवल मास्टर बनकर रह गए। श्री कृष्णगोपाल जी 10 दिसम्बर को जयपुर की जनता कॉलोनी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के नवनिर्मित कार्यालय भवन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वल्र्ड क्लास शिक्षा लेकर छात्र अच्छे इंजीनियर, आईएएस सहित अन्य उंचे ओहदे तो प्राप्त कर लेते है लेकिन शिक्षा में आध्यात्मिक विषय—वस्तुओं के अभाव में व्यक्ति की संवेदना, भावना और सहृदयता में शून्यता आ रही है। इसी का परिणाम है कि अफसर गबन के आरोप में जेलों में है। महिलाओं के साथ अत्याचार बढ गए है। छोटी बालिकाओं की सुरक्षा संकट में आ गई है। ये सब शिक्षा में मूल्यों के अवमूल्यन का परिणाम है।