‘कुंभ मेला’ भारतीय जीवन का प्रतीक – सुरेश भय्याजी जोशी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी ने कहा कि कुंभ मेला भारतीय जीवन का प्रतीक है. जनवरी माह से आयोजित होने वाले कुंभ मेले में पवित्र स्नान कर सभी को लाभ उठाना चाहिए. भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनोखे संगम संस्कृति कुंभ का भव्य आयोजन बुधवार को मुंबई के जुहू स्थित इस्कॉन मंदिर के सभागृह में किया गया. जिसमें सरकार्यवाह ने उपस्थितजनों को संबोधित किया. कार्यक्रम में चित्रपट, टीवी, उद्योग क्षेत्र और विचारकों को कुंभ का महत्त्व समझाने के लिए मुंबई में पहली बार वैचारिक कुंभ का आयोजन किया गया. उत्तर प्रदेश राज्य सरकार, ‘नैमिषारण्य फाऊंडेशन’ और ‘संस्कृति गंगा’ के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

सरकार्यवाह जी ने कहा कि भारत,  मृत्युंजय भारत है, यानि मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाला भारत है. क्योंकि यहां रहने वाले सभी अमृत के पुत्र हैं. इसीलिए स्वामी विवेकानंद जी ने कहा – वयम् अमृतस्य पुत्र:. और जब तक इस देश में अमृत पुत्र रहेंगे, तब तक यह देश मृत्युंजय ही बना रहेगा, वह समाप्त होने वाला नहीं है. इस देश में आस्था पर आक्रमण हुए, परंतु कोई भी आस्था को समाप्त नहीं कर पाया. यहां पर मंदिर टूटे, लेकिन समाज ने फिर से मंदिरों की पुनर्स्थापना की. यह भारत का इतिहास है, मंदिर टूटने से समाज समाप्त नहीं हुआ. लोगों ने यहां तत्त्वज्ञान से समृद्ध ग्रंथों को जलाने की भी कोशिश की, फिर भी रामायण, महाभारत, गीता जैसे ग्रंथों से मिल रहे उपदेश, संदेश समाप्त नहीं हुए. प्रतीक चिन्हों पर आक्रमण हुए, परंतु प्रतीक चिन्ह समाप्त नहीं हुए. उन्होंने कहा कि आस्था और तर्क में अंतर है. तर्क विफल हो सकते हैं, आस्था को विफल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, इसमें किसी को भी सफलता नहीं मिली है.

कुंभ एकता का प्रतीक – देवेंद्र फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कुंभ यह हमें मिली हुई अद्वितीय विरासत है. हमारी उच्च परंपराओं की देन है. और इन्हीं परंपराओं ने हमें प्रवाह जैसे बदलने की शिक्षा दी है. विश्व में विभिन्न प्रकार की संस्कृतियां थीं, उनमें से अनेक संस्कृतियों का विनाश हुआ. परंतु हमारी संस्कृति अब भी जस की तस है. इसी संस्कृति के आधार पर हमने विश्‍व जीत लिया है. कुंभ मेला हमारी एकता व सकारात्मकता का प्रतीक है. वर्ष 2015 में नासिक में कुंभ मेला आयोजित करने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ था. उन्होंने कहा कि इस संस्कृति कुंभ के माध्यम से सब लोगों का एक साथ आकर सकारात्मक भारत निर्माण करने की दृष्टि से प्रयास करना आवश्यक है.

कुंभ में भेदभाव नहीं – योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार में मुंबई व  चित्रपट सृष्टि (फिल्म इंडस्ट्री) का बहुत बड़ा योगदान है. कुंभ मेले में जाति, लिंग, पंथ के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता तथा जो लोग इस कुंभ मेले में उपस्थित होंगे, वही इसके एंबेसडर्स भी होंगे. 15 जनवरी से 4 मार्च 2019 तक कुंभ का आयोजन होगा, इसी दौरान पांच वैचारिक कुंभ भी आयोजित किए जाएंगे. ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश भी इसके माध्यम से प्रसारित किया जाएगा.

कार्यक्रम में एस्सेल समूह के अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा, संगीतकार अजय-अतुल, सेन्सर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, एनएसडी के संचालक वामन जी, सिने दिग्दर्शक मधुर भंडारकर, मनोज जोशी, भरत दाभोलकर, ज्येष्ठ दिग्दर्शक राजदत्त, अशोक पंडित, गायिका पद्मजा फेणाणी जोगळेकर, गायक कैलाश खेर, नाट्य परिषद अध्यक्ष प्रसाद कांबली, अभिनेत्री श्रेया बुगडे, अभिनेता अभिजित खांडकेकर सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.

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