खाली जगह को अच्छे कार्यों के प्रचार से भरना चाहिये – डॉ. मोहन भागवत जी

vidya-Bharai-pb-300x170देशभर में संस्कारों की शिक्षा का उजियारा फैला रहे संस्थान विद्या भारती ने शिक्षा जगत में ऐतिहासिक पहल की है. बदलते समाय के साथ कदम से कदम मिलाते हुए विद्या भारती ने शिक्षा क्षेत्र में पहला न्यूज़ बुलेटिन शुरू किया है. विद्या भारती पंजाब के प्रचार विभाग की ओर से शुरू किए गए न्यूज़ बुलेटिन का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने किया. यह बुलेटिन विद्या भारती के उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री विजय नड्डा, क्षेत्र प्रचार प्रमुख राजेंद्र जी और प्रांत प्रचार टोली  के संयुक्त प्रयासों से तैयार किया गया. इसका उद्देश्य विद्या भारती के अच्छे कार्यों को जन-जन तक और संस्कारों की शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाना है.

सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने कहा कि हमारा उद्देश्य कोई प्रसिद्धि हासिल करना नहीं, बल्कि अच्छे कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना है. ताकि उसका लाभ इस समाज को मिल सके. हमारा कार्य तो नेकी कर और कुएं में डालने जैसा है. हमें किसी भी प्रकार की प्रसिद्धि की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर अच्छे कार्यों का प्रचार-प्रसार नहीं किया जाएगा तो उसकी जगह दूसरे तरह के कार्यों का प्रचार-प्रसार होगा. इसलिये खाली जगह को अच्छे कार्यों के प्रचार से भरना चाहिये. हमें आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर हम नहीं करेंगे तो वो लोग करने लग गए, जिन्हें नहीं करना चाहिये था.

आज इस तरह के साधन मौजूद हैं, जिससे पल भर में ही पूरे देश और दुनिया तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि अच्छे कार्यों को जन-जन तक पहुंचाया जाए. इसलिए किसी व्यक्ति अथवा संस्थान की प्रसिद्धि के लिए नहीं, बल्कि अच्छे कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उनका प्रचार-प्रसार बेहद आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भगवान वामन ने तीनों लोक अपने कदमों से नाप लिए थे, मैं शुभकामनाएं देता हूं कि उसी तरह आप का प्रयास भी पूरे ब्रह्मांड को माप ले. उन्होंने कहा कि संसाधनों को अगर सही दिशा में लगाया जाए और अच्छे कार्यों का प्रचार-प्रसार किया जाए तो यह समाज के हित में होगा. उन्होंने विद्या भारती पंजाब की प्रचार विभाग टीम को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी. उन्होंने विद्या भारती की मासिक पत्रिका सर्वहित संदेश के अक्टूबर माह के पर्यावरण विशेषांक का भी विमोचन किया. इस पत्रिका की प्रसार संख्या 19,200 है.

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