खेल से चरित्र व चरित्र से देश निर्माण के लक्ष्य को लेकर काम कर रही क्रीड़ा भारती – चेतन चौहान

क्रीड़ा भारती का प्रदेश स्तरीय सम्मान समारोह
खिलाड़ियों की माताओं का सम्मान किया
जयपुर, 21 जुलाई (विसंके) । क्रीड़ा भारती द्वारा रविवार को नारायणसिंह सर्किल स्थित इंद्रलोक सभागार में वीर जीजामाता पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रदेशभर के खिलाड़ियों तथा उनकी माताओं ने भाग लिया।


कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व क्रिकेटर, उत्तरप्रदेश के खेल व युवा मंत्री व क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष चेतन चौहान ने कहा कि क्रीड़ा भारती वर्ष 2009 से खेल से चरित्र व चरित्र से देश निर्माण के लक्ष्य के लिए काम कर रही है। मुख्य उद्देश्य खेलो को गांव-ढाणियों तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि देश के 500 जिलों में संगठन सक्रिय रूप से काम कर रहा है। चौहान ने कहा कि देश मे प्रतिभाओ की कोई कमी नही है, लेकिन उन्हें आगे आने सही मौका व सुविधाएं नही मिलती, लेकिन अब समय बदल गया है। खेलो को सरकार भी बढ़ावा दे रही है। यूपी में गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ियों को सरकार द्वारा नकद राशि व सरकारी नोकरी का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी राज्य सरकारों को अपने खिलाडियों को अच्छी सुविधाएं देनी चाहिए। चौहान ने कहा कि खेल एक साधना होती है, खेल को अच्छा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। खिलाड़ी स्वाभिमानी होते हैं, उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। क्रीड़ा भारती यही सम्मान खिलाड़ियों को दे रहा है। सरकारों को भी खेल को महत्व देना चाहिए। यह समय की जरूरत है। खिलाड़ियों को हर स्तर पर सम्मान मिलना चाहिए। केंद्र सरकार ने खेल को बढ़ावा देने के लिए 1 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान किया है।

मध्यप्रदेश के रतलाम से विधायक व क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चेतन कश्यप ने कहा कि क्रीड़ा भारती ने वीर जीजामाता पुरस्कार की शुरुआत इसी साल पहली बार की है। सभी बच्चे खेलें, आगे बढ़े। यही क्रीड़ा भारती का मुख्य काम है। खिलाड़ी को राष्ट्रप्रेम, देशभक्ति व भारतीय संस्कार मिले तो वह देश का नाम रोशन करेगा। राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत खेल नीति व नियोजन बने, ऐसा प्रयास कीड़ा भारती कर रही है।


क्रीड़ा भारती के अखिल भारतीय महामंत्री राज चौधरी ने कहा कि क्रीड़ा भारती खेलो का सामाजिक संगठन है। खेल नियमो में सुधार व खेलो को बढ़ावा देना क्रीड़ा भारती का मुख्य उद्देश्य है। खिलाड़ियों की माताओ का सम्मान करने का क्रम सिर्फ क्रीड़ा भारती ने ही शुरू किया है। माताएं जो संस्कार देती है, वही बालक के भविष्य की दिशा तय करती है। वहीं जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि क्रीड़ा भारती का यह बहुत सराहनीय प्रयास है। ऐसे कार्यक्रमों से खिलाड़ियों व उनके परिजनों की हौसला अफजाई होती है।


इससे पूर्व 1956 के अर्जुन अवार्डी झुंझुनूं के श्रीचंद, 1970 के दशक के बास्केटबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी सुरेंद्र कटारिया, 1979 के अर्जुन अवार्डी बॉलीवॉल टीम के कप्तान रहे सुरेश मिश्रा, धावक दीनाराम, अर्जुन अवार्डी तीरंदाज रजत चौहान, अर्जुन अवार्डी गोपाल सैनी, अभिजीत गुप्ता व भानु सचदेव समेत 7 अर्जुन अवार्डियो को भी सम्मानित किया गया। इनके साथ ही अपूर्वी चंदेला, रजत चौहान, अभिजीत गुप्ता, स्वाति दूधवाल व अजयसिंह शेखावत समेत 14 अंतरर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों की माताओ को वीर जीजामाता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मनीष व अनामिका कोठारी ने योग की आकर्षक प्रस्तुति देकर जमकर तालियां बटोरी।

क्रीड़ा भारती के प्रदेश संयोजक मेघसिंह ने कहा क्रीड़ा भारती परंपरागत खेलो को बढ़ावा देती है, देशभक्ति की भावना का संचार करना ही संगठन का मुख्य उद्देश्य है। राजस्थान में क्रीड़ा भारती के तत्वावधान में वर्ष 2009 में सूर्यनमस्कार यज्ञ में करीब 2 व 2019 में 5 लाख लोगों ने भाग लिया है। समारोह को क्रीड़ा भारती के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल सैनी ने भी सम्बोधित किया। इस दौरान रामानंद चौधरी, प्रांतीय उपाध्यक्ष अशोक वर्धन, एबीवीपी के छात्र नेता शौर्य जैमन समेत खेल जगत से जुड़े लोग बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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