चर्च द्वारा धर्मांतरण व अन्य दुष्कृत्यों की जांच हेतु आयोग बने – विहिप

विश्व हिन्दू परिषद् ने कहा कि चर्च व उसके द्वारा संचालित तथाकथित सेवा कार्य धर्मांतरण ही नहीं, अपितु कई प्रकार के अवैधानिक-अनैतिक कृत्यों के केंद्र बन चुके हैं. इन कुकर्मों का अनेक बार भंडाफोड़ होने के बावजूद प्रचार तन्त्र व प्रशासन में इनकी गहरी पैठ तथा मदर टेरेसा के, इन्हीं के द्वारा निर्मित आभा-मण्डल, के कारण इनके पाप आसानी से छिपाए जाते रहे हैं. परन्तु अब मानवता के सभी मापदंडों को ध्वस्त करते हुए उनके दुष्कर्मों की एक लम्बी श्रृंखला सामने आ रही है. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने केंद्र सरकार से चर्च पादरियों तथा उनके द्वारा संचालित संस्थाओं की गहन जांच हेतु एक आयोग बनाने, धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने, पर्यटन के बहाने धर्मान्तरण व धर्म-प्रचार में लिप्त विदेशियों पर शिकंजा कसने व तथा-कथित अनाथ आश्रम इत्यादि में पादरियों द्वारा बच्चों व ननों का शोषण किए जाने पर अविलम्ब अंकुश लगाने की मांग की है.

मदर टेरेसा द्वारा स्थापित रांची स्थित ‘निर्मल ह्रदय आश्रम’ में किए जा रहे यौनाचार, बच्चों के व्यापार व अन्य अवैध कार्यों के पर्दाफाश से पूरी मानवता कराह रही है. आश्रम में अनाथ लड़कियों से दुष्कर्म कर उनके बच्चों को बेच दिया जाता था. केवल इसी आश्रम से गत कुछ दिनों में ही 280 बच्चे गायब हुए हैं. इनमें से कई बच्चों को मरा हुआ घोषित कर दिया जाता था, परन्तु बाद में पता चलता था कि इन्हें तो बेचा जा चुका था. इस आश्रम की गतिविधियों की शिकायत पहले भी की गई थी. किन्तु, षड्यंत्र पूर्वक, जांच अधिकारी पर ही छेड़खानी का आरोप लगाकर उसे निलंबित करा दिया गया. विश्व हिन्दू परिषद् को आशंका है कि मदर टेरेसा द्वारा स्थापित अन्य तथाकथित ‘आश्रमों’ में भी इस प्रकार की अवैध गतिविधियों का संचालन होता है.

पादरियों की यौन पिपासा की शिकार ननों तथा अनाथ बच्चों के समाचार सम्पूर्ण विश्व से आते ही रहते हैं. यहां तक कि वैटिकन भी इससे अछूता नहीं रहा है. गत कुछ वर्षों से भारत में पादरियों के इन दुष्कर्मों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई है. कुछ दिन पूर्व ही एक नन ने पाँच पादरियों पर आरोप लगाया है कि वे कई वर्षों से उसका यौन शोषण कर रहे थे. कन्फैशन बॉक्स में विवाह पूर्व संबंधों की स्वीकृति के बाद से उस नन को ब्लैक मेल कर ये उसके साथ लगातार दुष्कर्म करते रहे. पीड़िता द्वारा इसकी शिकायत चर्च के वरिष्ठ अधिकारियों से किए जाने पर भी उसे लगातार अनसुना किया जाता रहा. दुष्कर्म पीड़िता कुछ ननें तो आत्म-ह्त्या तक कर चुकी हैं.

विश्व हिन्दू परिषद् केंद्र सरकार से यह मांग करती है कि –

– सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में नियोगी कमीशन जैसा एक जांच आयोग बनाया जाए जो मदर टेरेसा व अन्य मिशनरियों द्वारा स्थापित संस्थाओं की विस्तृत जांच कर इनके विदेशी फंडिंग, आतंकी संगठनों से इनके सम्बन्ध, हिन्दुओं के प्रति घृणास्पद साहित्य के निर्माण, ननों तथा बच्चों से दुष्कर्म तथा बच्चों के अवैध व्यापार जैसे विषयों पर गहन जांच करे.

अवैध धर्मान्तरण व सामाजिक विद्वेष निर्माण के आरोप इन पर लगते रहे हैं. तूतीकोरन हिंसा की प्रेरणा भी चर्च ही है, ऐसा आरोप भी इन पर है. हिन्दू संतों की हत्या का संदेह भी इन पर व्यक्त किया जाता रहा है. ऐसे विषय भी इस आयोग के कार्यक्षेत्र में हों.

– अवैध धर्मांतरण रोकने हेतु धर्म स्वातन्त्रता अधिनियम बनाया जाए, जिसकी मांग कुछ आयोग तथा हिन्दू समाज निरंतर करता रहा है.

– पर्यटन वीज़ा पर भारत आकर धर्मांतरण या धर्म प्रचार में लिप्त विदेशी पर्यटकों का वीज़ा रद्द कर उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही हो.

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