जनसंख्या असंतुलन के कारण बदलता है जनंसख्या का वास्तविक चरित्र—श्री निम्बाराम जी

f4319f94-a0ff-451d-a1d0-826d37196554भरतपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जयपुर प्रान्त के सह—प्रान्त प्रचारक श्री निम्बाराम जी ने कहा कि जब किसी भी देश में जनसंख्या असंतुलन के कारण जनसंख्या का वास्तविक चरित्र बदलता है वहाॅ भिन्न—भिन्न प्रकार की समस्याएॅ जन्म लेती है। जनसंख्या असंतुलन के कारण अनेक देशों की सीमाएॅ तक बदल चुकी हैं, जिसके कारण विगत 15 वर्षों में विश्व में तीन नये देश अस्तित्व में आये हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। श्री निम्बाराम जी 23 दिसम्बर को भरतपुर स्थित समिधा कार्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भरतपुर सम्पर्क विभाग की ओर से आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।   उन्होंने कहा कि हमारे देश में जिस—जिस स्थान पर भारतीय पंथों को मानने वालों की कमी हुई है वहाॅ—वहाॅ अलगाववाद बढा है, उस स्थान पर संघर्ष बढे हैं।

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जनसंख्या असंतुलन के मुख्य कारणों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में इसके मुख्यरुप से तीन कारण है, हिन्दुओं और अन्य मतावलंबी विशेष कर मुसलमानों के प्रजनन दर में अत्यधिक असमानता, विदेशी घुसपैठ एवं मतांतरण। संविधान के प्रावधानों एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समय समय पर दिये गये निर्देशों के अनुसार देश में विदेशी घुसपैठ से हो रही जनसंख्या असंतुलन के विरुद्ध उचित कदम उठाने में और अधिक विलम्ब नहीं करना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ.एल.पी. गुप्ता थे और अध्यक्षता जिला संघचालक श्री गोविन्द जी गुप्ता ने की।

घुसपैठियां बाहर  

श्री निम्बाराम जी  ने  कहा कि गृह मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2001 तक भारत में अवैध बंगलादेशी लोगों की संख्या डेढ करोड से अधिक थी जो अब और भी बढ चुकी है। इसलिए केन्द्र

सरकार द्वारा 2005 में एवं पुनः 2012 में लिये निर्णयों के अनुसार अब तत्काल नागरिकों की राष्ट्रीय पंजिका नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटीजन्स का संकलन कर विदेशी घुसपैठियों को शीघ्रातिशीघ्र निकाल बहार करना चाहिए।

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