देश चलाने के लिए समझौता नहीं, मातृभूमि के लिए किमत देनी पडती है – इन्द्रेश कुमार

प्रबुद्ध जन गोष्ठी

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प्रबुद्ध जन गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए इन्द्रेश कुमार जी

प्रबुद्ध जन गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए इन्द्रेश कुमार जी

विसंके जयपुर। हमें आजादी मिल गई है, हम स्वतंत्र है, यह झूठ हमें 70 वर्षो से बोला जा रहा है। स्वतंत्रता के नाम पर 1947 में जिस दस्तावेज पर हस्ताक्षर हुए वह स्वतंत्रता का नहीं देश के विभाजन का दस्तावेज था। 1947 में जवाहरलाल नहेरू ने अंग्रेजो के साथ जो डाक्यूमेन्ट साइन किया था, वह डाक्यूमेन्ट ऑफ पारटिशन था। यह जानकारी रविवार को जयपुर के सिटी पैलेस में आयोजित धारा 370 की वर्तमान प्रासंगिकता एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषय पर आयोजित प्रबुद्ध जन गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने दी।

गोष्ठी का आयोजन हिमालय परिवार और यूथ फॉर नेशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा की देश चलाने के लिए समझौता नहीं किया जाता है, मातृभूमि के लिए किमत देनी पडती है। जिस प्रकार एक ओर सेना का जवान अपना घर, पत्नी, माता-पिता सब को छोड कर मातृभूमि के लिए बलिदान हो जाता है। किन्तु दूसरी ओर कुछ लोग अपने स्वार्थ और आराम के लिए देश हित की भी परवाह नहीं करते।
उन्होनें कहा की बापू, विनोबा भावे और डॉ. अम्बेडकर ने इस आजादी को नहीं माना था। तीनों ने स्वतंत्रता के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया था। देश के इस विभाजन में 3 करोड लोग उजडे, छः लाख से अधिक लोगो का धर्मातंरण हुआ और 1700 से अधिक धार्मिक स्थलो को तोडा गया। इतना बलिदान करने के बाद भी कश्मीर आज भी भारत में शामिल नहीं है। आज भी कश्मीर में अलग संविधान, अलग झंडा, अलग विधान और नागरिकता है। जिस का कारण धारा 370 है। जो भारत के संविधान के साथ एक मजाक है।

इन्द्रेश कुमार ने कहा की क्या हम ऐसे भारत के लिए जन्मे है जहां का संविधान खंडित है। देष में दो प्रकार का संविधान लागू है। कश्मीर के लिए अलग संविधान हमारे देश में है। देश के संविधान से खिलवाड नेहरू की देन है। किसी भी देश के संविधान में अस्थाई प्रावधान (टेमपरेरी क्लॉज) नहीं है। किन्तु भारत के संविधान में धारा 370 में ऐसा है।

इन्द्रेश कुमार ने पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति का जिक्र करते हुए कहा की आज अजाद कश्मीर में 9 लाख लोग पाकिस्तान के विरूद्ध लड रहे है। पाकस्तिन खुद के फैलाये आतंक के जाल में फंस रहा है। भारत में अलगाववादी सलाखों के पीछे है।

उन्होनें चीन के बारे में बालते हुए कहा की आज चीन भारत की कुटनीति के कारण ही डोक्लेहम से पीछे हटा है। भारत यदि चीन को अनाज और दवाईयां का निर्यात बंद कर दे तो चीन स्वतः ही शांत हो जायेगा। आज चीन चिल्ला रहा है और भारत मुस्कुरा रहा है। हमें स्वदेशी वस्तुओं को स्वीकार और चीनी सामान का बहिष्कार करना होगा। देश को नये रास्ते पर खडा करना होगा।

कार्यक्रम में पूज्य संत स्वामी प्रज्ञानंद जी, लोकायुक्त एस.एस.कोठारी, विधायक दीया कुमारी तथा नरेन्द्र गौड भी मंच पर उपस्थित थे।

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