विसंके जयपुर। भारत की पत्रकार परम्परा विश्व मे सबसे प्राचीन है जिसके उदहारण नारद मुनि है नारद मुनि निर्भीक, निडर, सत्ता का भय नही रखने वाले सतत जागरूक निरंतर चलने वाले आध् पत्रकार थे । यह कहना था गोपाल शर्मा जी का वह आज विश्व संवाद केन्द्र, अलवर द्वारा नवीन सूचना केन्द्र में आयोजित नारद जयंती (पत्रकार दिवस) कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होने नारद जी के जीवन पर प्रकाश डाल।
उन्होनें कहा की पत्रकारिता सत्य के साथ सभ्य भाषा मे राष्ट्रीयता से सरोकार रखने वाली होनी चाहिए।जो भी सत्य को समाज के सामने रखते है, वे सभी पत्रकार है हमारे क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर ,तिलक, भगत सिंह, गणेशशंकर विद्यार्थी सभी उस समय के पत्रकार थे जिनकी पत्रिकारिता का उद्देश्य बिना डरे सत्य को उजागर करना था। पत्रकार का जीवन में त्याग और तपस्य अनिवार्य लक्षण है।
आभार विसंके अलवर