राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री इंद्रेश कुमार का कहना है कि उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित इस्लामिक मकतब को कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा फहराने और देश में मिनी पाकिस्तान कहे जाने वाले क्षेत्रों के खिलाफ फतवा जारी कर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम सभी हिन्दुस्तानी हैं और जिस देश में रहते हैं उसका नाम हिन्दुस्तान है। इसलिए यहां के किसी क्षेत्र को पाकिस्तान या मिनी पाकिस्तान नहीं कहा जा सकता है। लेकिन ऐसे क्षेत्र मौजूद हैं। कुछ क्षेत्र हैं जहां मकानों की छतों पर पाकिस्तानी झंडा लगा हुआ है। क्या यह इस्लाम के अनुरूप है और क्या वे अच्छे मुसलमान हैं? ऐसे में देवबंद उनके खिलाफ फतवा क्यों नहीं जारी करता है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या रमजान के पाक महीने में पाकिस्तानी झंडा फहराने वाले और सुरक्षा बलों पर पथराव करने वाले सच्चे मुसलमान हैं? आपको नहीं लगता कि देवबंद को घाटी में पथराव करने वालों के खिलाफ फतवा जारी करना चाहिए।
मुसलमानों को बीफ का सेवन त्यागने की सलाह देते हुए इंद्रेश ने कहा कि बीफ एक बीमारी है, इसके स्थान पर दूध का सेवन करना चाहिए। गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। उसमें औषधीय गुण हैं। उन्होंने दावा किया कि कुरान में किसी मुसलमान धर्मगुरू या तक कि पैगंबर मुहम्मद के भी बीफ खाने का कोई जिक्र नहीं है।
बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर श्री इन्द्रेश जी ने कहा कि मुगल शासक बाबर एक मंगोल था और उसने मौजूदा राम मंदिर को ध्वस्त कर वहां अपने नाम पर मस्जिद बनाया। पूरा घटनाक्रम बर्बर था, वह इस्लाम के मुताबिक नहीं था। कोई दूसरे धर्म के पवित्र स्थल को तोड़कर मस्जिद नहीं बना सकता।