यासीन मलिक के जेकेएलफ पर सरकार ने लगाया प्रतिबंध

मलिक पहले ही जेल में, बिट्टा कराटे भी होगा गिरफ्तार

सरकार जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठनों व नेताओं पर एक-एक कर नकेल कस रही है. कार्रवाई की अगली कड़ी में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने अनलॉफुल एक्टिविटीज़ प्रिवेंशन एक्ट के तहत जेकेएलएफ पर कार्रवाई की है. इसके बाद जम्मू कश्मीर में जेकेएलएफ के तमाम ऑफिसों पर ताले लगाये जाएंगे. साथ ही जेकेएलएफ के नेताओं को गिरफ्तार किया जाएगा. यासीन मलिक पहले ही जेल में है. यासीन मलिक पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था. मलिक को 22 फरवरी को हिरासत में लिया गया था और इसके बाद उन्हें कोठीबाग पुलिस स्टेशन में रखा गया था. इसके पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 26 फरवरी को अलगाववादी नेता के आवास पर छापे मारे थे. जिसमें काफी अहम सबूत और दस्तावेज मिले थे.

गृह सचिव के असार जेकेएलएफ 1989 के बाद घाटी में कश्मीरी पंडितों के मारने और भगाने में शामिल रहा है. जिस पर कुल 37 मामलों में एफआईआर दर्ज है. सरकार का मानना है कि जेकेएलएफ लगातार घाटी में आतंकियों की मदद करता रहा है. चाहे वो रिक्रूटमेंट हो, फंडिंग का मामला…

संगठन पर प्रतिबंध लगने के बाद अब जेकेएलएफ के नेता बिट्टा कराटे की गिरफ्तारी का रास्ता भी साफ हो गया है. जो 90 के दशक में दर्जनों कश्मीरी हिंदुओं की हत्याएं करने के बावजूद भी खुलेआम सड़क पर घूम रहा है.

PSA लगने से पहले राज्य के उच्च न्यायालय ने भी यासीन मलिक को एक बड़ा झटका देते हुए रुबिया सईद के अपहरण की साजिश में शामिल होने व एयरफोर्स के अधिकारियों पर हमले से जुड़े मामलों की सुनवाई को श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित कर चुका है. यह मामला भी बीते 30 साल से लटका पड़ा था. राज्य उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने देश के तत्कालीन गृहमंत्री स्व मुफती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी रुबिया सईद के 1990 में हुए अपहरण व 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में एयरफोर्स अधिकारियों के वाहन पर हुए आतंकी हमले में आरोपित जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक के खिलाफ जारी मामलों की सुनवाई को श्रीनगर स्थित हाईकोर्ट विंग से जम्मू स्थानांतरित करने की सीबीआई की मांग का नोटिस लेते हुए जम्मू शिफ्ट किया था.

इससे पहले सरकार जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगाकर सैकड़ों नेताओं को गिरफ्तार कर चुकी है. साथ ही टेटर फंडिंग मामले में मीरवाइज़ उमर फारूख और सैयद अली शाह गिलानी पर भी केस चल रहा है. इस बीच महबूबा मुफ्ती यासीन मलिक के समर्थन में कूद पड़ी हैं.

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