रा.स्व.संघ, संघ शिक्षा वर्ग – तृतीय वर्ष का नागपुर में शुभारम्भ

e656f9bf-3d3a-4a79-b3db-29d55f24b8e1 (1)be7e10d3-2b73-4864-8819-68f613bbe1b8 (1) जयपुर (विसंकें)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, संघ शिक्षा वर्ग – तृतीय वर्ष का शुभारंभ ‌नागपुर रेशिमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर के महर्षि व्यास सभागृह में आज प्रातः संपन्न हुआ. औपचारिक उद्घाटन समारोह मे रा. स्व. संघ के सहसरकार्यवाह मा. दत्तात्रेय होंसबोले जी ने देशभर के सभी प्रान्तों से आए शिक्षार्थियों को उद्बोधित करते हुए कहा – “संघ से जुड़ने के पश्चात् सभी स्वयंसेवकों की 50a75d00-6171-426b-8de1-725168642db0 (1) आकांक्षा रहती है कि संघ निर्माता प.पू. डॉ हेडगेवारजी, प.पू गुरुजी के पावन भूमि  में तृतीय वर्ष में शिक्षार्थी के रूप में सहभागी होना.  यह प्रशिक्षण कोई डिग्री या प्रमाण पत्र हेतु नहीं है बल्कि स्वयंसेवक निर्माण प्रक्रिया का एक चरण है.”

प.पू. डॉ हेडगेवारजी  द्वारा विकसित अनोखी पद्धति में आनंद भी है, अनुशासन भी है. संघ प्रशिक्षण सिर्फ शारीरिक व्यायाम, बौद्धिक तक सीमित नहीं है बल्कि यह वैचारिक अधिष्ठान भी है. यह वर्ग ज्ञान योग,कर्म योग तथा भक्ति योग का  समन्वय है. यह वर्ग ‘मैं संघ का हूँ – संघ मेरा है’ ऐसा तादात्म्य भाव, समर्पण भाव सिखाता है.  25 दिनोंके इस वर्गमें सामूहिक अनुशासन के व्यावहारिक प्रशिक्षण से विशिष्ट तरंग एवं अद्भुत ऊर्जा की अनुभूति होती है.

दत्तात्रेयजी होसबोले ने कहा  – इस वर्ग के क्षण क्षण को , कण कण को अपने अंतर्मन में समाहित कर स्वयंसेवकत्व की अनुभति करें. आपके मन मे चल रहे प्रश्नों का निरसन, प्रशिक्षण वर्ग के माध्यम से होता है. अलग भाषा, अलग पहनावा , अलग खानपान पर फिर भी एक हो कर राष्ट्र के लिए समर्पित हो कर जब आप यह प्रशिक्षण पूर्ण करेंगे तो आप स्वयं एकात्म भारत का अनुभव करेंगे.

पालकअधिकारी के रूप मे मा. मुकुंद जी  ने अपने उद्भोधन में कहा – कार्यकर्ता निर्माण की कोई सीमा नहीं है,यह सतत् चलनेवाली प्रक्रिया है. प्रशिक्षण से निरंतरता बनी रहती है. कुछ विशेष गुण, कुशलता पाने के लिए हम इस वर्ग मे है .  यह स्थली तपस्या की है साधना की है और इसलिए यहाँ आकर हमारी दायित्व और जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. जो अनुभव हमे प्रशिक्षण के दौरान मिलता है वह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण  है . ऐसा अनुभव स्वयं के लिए एक ‘अमूल्य निवेश’ है जो अन्यत्र प्राप्त नहीं हो सकता. इस ज्ञान समुद्र से जितना ज्ञान हम प्राप्त कर सकते हैं हम प्राप्त करें.

उद्घाटन कार्यक्रम में सभी शिक्षार्थीयोंका स्वागत मा. भागय्या जी (अखिल भारतीय सहसरकार्यवाह) ने किया. वर्ग के सर्वाधिकारी मा. सरदार गजेंद्र सिंह जी (प्रांत संघचालक, उत्तराखंड) हैं. अन्य अधिकारी इस प्रकार हैं

वर्ग कार्यवाह – श्री श्याम मनोहर (प्रांत कार्यवाह, जोधपुर)

मुख्य शिक्षक – श्री अखिलेश जी (सह शारीरिक प्रमुख, अवध प्रान्त)

सह मुख्य शिक्षक- श्री गंगाराजीवजी पांडे (सह शारीरिक प्रमुख, महा कौशल प्रांत)

बौद्धिक प्रमुख- श्री उत्तम प्रकाश जी ( बौद्धिक प्रमुख,दिल्ली प्रांत)

सह बौद्धिक प्रमुख – श्री कृष्णाजी जोशी (बौद्धिक प्रमुख, कर्नाटक उत्तर प्रांत)

सेवा प्रमुख- श्री नवल किशोर जी (क्षेत्र सेवा प्रमुख,पूर्वी उत्तर प्रदेश)

व्यवस्था प्रमुख- श्री सुनील जी भूलगाँवकर(धर्म जागरण संयोजक, नागपुर)

पालक अधिकारी- मा. श्री मुकुंद जी (सहसरकार्यवाह)

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