मेजर सुरेंद्र जी पूनिया ने कहा कि हमारे देश की सेना पर हम सभी को गर्व होना चाहिए. वह बहुत खराब समय होता है, जब हमारे साथ रहने खाने-पीने वाला सीमाओं पर हमारे साथ ड्यूटी करने वाला सैनिक एक ऑपरेशन में शहीद हो जाता है. हम उसे ढंग से अलविदा भी नहीं कर पाते और वह हमारे बीच से चला जाता है, सैनिक देश की सेवा में लगा है. पर, कुछ लोग सेक्युलर शब्द और आंदोलन को अपनी ताकत बना कर देश में अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं. आज के युवा को आगे आना होगा, उसे तय करना होगा कि उसे किस प्रकार के लोग चाहिएं. वह जो आंदोलन के नाम पर गुमराह कर रहे हैं या जो सच में निःस्वार्थ भाव से देशभक्ति की राह पर चल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह समय बहुत संवेदनशील और सचेत रहने का है, आज कश्मीर के अलगाववादियों को दिल्ली सरकार राजधानी में बुलाकर उनकी आवभगत नहीं कर रही है. इसलिए आज वह कश्मीर में सेना पर पत्थर बरसा रहे हैं. हमारी सेना संयमित और सामर्थ्यवान है. वह जब चाहेगी कश्मीर क्या, पाकिस्तान भी स्वतंत्र करा लेगी. आने वाला समय देश के 100 वर्ष की दिशा तय करेगा, इसमें सेक्युलर और आंदोलनकारी राजनीति चलेगी या देशभक्त युवा आगे बढ़ेगा, इसलिए सभी शिक्षित युवाओं को सीधे-सीधे राजनीति में अपना दखल रखना चाहिए. मेजर सुरेंद्र डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय व्याख्यानमाला के प्रथम दिन मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे.
कार्यक्रम आनंद मोहन माथुर सभागृह में संपन्न हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अनिल जी नाहटा(CA निदेशक नाहटा प्रोफेशनल एकेडमी), मुख्य अतिथि अमित दवे जी (पूर्व अध्यक्ष कमर्शियल टेक्सटाइल्स एसोसिएशन) ने अपने विचार रखे. डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के तत्वाधान में आयोजित चिंतन यज्ञ की व्याख्यानमाला में अतिथियों का परिचय डॉ. मनीष जी बिंदल ने करवाया. कार्यक्रम की प्रस्तावना विनय जी पिंगले ने रखी. कार्यक्रम का संचालन रेणुका पिंगले जी ने किया.