हिंसा व अराजक वातावरण से व्यथित रघुवीर शरण का आत्मोत्सर्ग

raj-33979444623201-largeजयपुर 9, अप्रेल 18 (विसंके)। जयपुर के युवा स्वयंसवेक रघुवीर शरण ने दिल्ली उपचार के दौरन उन्होनें आज अंतिम श्वास ली। वह देश में फैल रही जातिय हिंसा और अराजकता से व्यथित थे। समाज के प्रति गहरी संवेदना रखने के कारण समाज और राष्ट्र को इस प्रकार टूटता देख वह सहन नहीं कर पाए। 10 अप्रैल को भारत बंद की अफ्वाह से भी बहुत व्यथित थे।

तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहे ना रहे की भावना को साकार करते हुए उन्होनें अपनी अंतिम इच्छा भारत माता की जयकार के साथ मां भारती के नाम तीन पत्र लिखे, जिसमें लिखा की हम सभी भारत माता की संताने एक होकर प्रेम पूर्वक रहे। देश तोडने वाली शक्तियों के षडयंत्र में नहीं फंसे।

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