अम्बेडकर के विचारों को वामपंथियों ने बंधक बनाया – किशोर भाई मकवाना

जयपुर, 1 अप्रैल (विसंकें)। अम्बेडकर के विचारों को वामपंथियों ने बंधक बनाया। तथाकथित अम्बेडकरवादियों को आपत्ति राम जी से नहीं राम से है यह बात विश्व संवाद केन्द्र के यूथिंक यूट्यूब चैनल द्वारा “डॉ. भीमराव अम्बेडकर वर्तमान परिप्रेक्ष्य” विषय पर पाथेय भवन सभागार मालवीय नगर में आयोजित पैनल डिस्कशन में डॉ. अम्बेडकर पर गहन अध्ययन रखने वाले किशोर भाई मकवाना ने कही।
राजस्थान के अग्रणी टी वी पत्रकार  प्रतापराव के समक्ष पैनलिस्ट  के रूप में अहमदाबाद के पत्रकार  किशोर भाई मकवाना, सेवानिवृत्त डी आई जी और राजस्थान विश्वविद्यालय में अंबेडकर पीठ के प्रमुख श्री कन्हैया लाल जी बैरवा एवं सेवा भारती से जुड़ी रीना शर्मा उपस्थित थीं।
उन्होंने कहा कि तथाकथित  अम्बेडकरवादी लोगों को रामजी से नहीं भगवान राम के नाम से चिढ़ है जो कि एक संकुचित सोच का परिचायक है। डॉ. अम्बेडकर को हमेशा से ही अपने पिताजी पर गर्व रहा, इस बात का जिक्र वे सार्वजनिक तौर पर भी कर चुके थे l डॉ. अम्बेडकर का पूरा नाम डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर है और यह नाम पहले से प्रचलन में था l सामान्यत: महाराष्ट्र व कर्नाटक सहित अनेक राज्यों में पिताजी का नाम अपने नाम के साथ लिखा जाता रहा है l इसलिए डॉ. अम्बेडकर के पूरे नाम का विरोध करना दूषित राजनैतिक सोच का परिणाम है l मकवाना ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अम्बेडकर के मूल साहित्य में उनके प्रवचनों में उन्होंने कहीं भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरुद्ध कुछ भी लिखा नहीं पाया है।
किशोर भाई ने डॉ. अम्बेडकर के साथ प्रधानमंत्री नेहरू के सम्बंधों पर बोलते हुए कहा कि नेहरू से डॉ. अम्बेडकर के मतभेद थे और इसका मुख्य कारण मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य होने के बावजूद डॉ अम्बेडकर को उचित महत्व नहीं दिया जाना था। जिससे डॉ अम्बेडकर अपमानित महसूस करते थे l और इस बात का जिक्र डॉ अम्बेडकर ने अपने इस्तीफे में भी किया l उन्होंने यह भी बताया कि उनका योगदान न केवल संविधान निर्माण में अपितु जल एवं ऊर्जा के क्षेत्रों में भी था। किशोर भाई ने कहा कि जब हम बात करते हैं कि हम पहले भारतीय हैं और फिर हिन्दू हैं या मुस्लिम l तब राष्ट्रीयता पर डॉ अम्बेडकर ने बंबई विधानसभा में इस भाव का विरोध करते हुए कहा कि मैं पहले भारतीय हूँ, बाद में भी भारतीय हूँ और अंत में भी l प्रश्नों के उत्तर देते हुए कन्हैया लाल बैरवा ने बताया कि उन्होंने धर्म नहीं केवल पंथ बदला था। रीना शर्मा ने बताया कि डॉक्टर अंबेडकर का संपूर्ण व्यक्तित्व हमारे सामने नहीं आ पाया वह बहुत बड़े आर्थिक चिंतक व महिलाओं के उत्थान की बात करने वाले भी थे।  मानविकी विषय विभागों में शोध छात्र एवं अनेक युवा जो ऑडियंस के रुप में उपस्थित थे उन्होंने भी आरक्षण अस्पृश्य वर्ग, जाति व्यवस्था की समाप्ति आदि पर भी पैनल से प्रश्न किए। कार्यक्रम का संयोजन देवयानी व्यास ने किया एवं आभार सुनील खटीक ने व्यक्त किया।unnamed unnamed (1) unnamed (2)

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