एक संघ स्थान, 82 शाखाएं और 2166 स्वयंसेवकों का संगम

सांगानेर महानगर का शाखा संगम

पिंजरापोल गौशाला में हुआ स्वयंसेवकों का संगम

अखिल भारतीय सेवा प्रमुख का मिला मार्गदर्शन

जयपुर, (विसंके)। एक मैदान, 82 शाखाएं और 2 हजार 166 स्वयंसेवक। ऐसा की अदभुत दृश्य देखने को मिला सांगानेर स्थित पिंजरापोल गोशाला परिसर में। जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सांगानेर महानगर ईकाई के शाखा संगम कार्यक्रम में सभी स्वयंसेवक जुटे थे।
सांगानेर महानगर संघचालक सत्यनारायण साहू ने बताया कि शाखा संगम कार्यक्रम में बुधवार शाम को महानगर की सभी शाखाओं का संगम पिंजरापोल गोशाला परिसर में हुआ। जिसमें 51 विधार्थी शाखाओं के 1 हजार 364 बाल तथा विधार्थी स्वयंसेवक उपस्थित रहे। विधार्थी शाखाओं के स्वयंसेवकों को निःयुध्द का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा सवा घंटे तक खेल, सूर्यनमस्कार, समता संचलन तथा व्यायाम योग का अभ्यास भी कराया गया।

वहीं गुरुवार सुबह पिंजरापोल गोशाला में ही व्यवसायी शाखाओं का संगम हुआ, जिसमें 31 शाखाओं के 802 स्वयंसेवक उपस्थित रहे। व्यवसायी शाखाओं के सभी स्वयंसेवकों को मंद गति के व्यायाम योग का सामूहिक अभ्यास कराया गया।
संगम की खास बात यह रही कि एक ही जगह पर सभी शाखाओं के लिए अलग-अलग संघ स्थान बनाए गए थे तथा सभी शाखाओं ने अपने अलग-अलग ही ध्वज लगाकर शाखा लगाई।

सांगानेर महानगर कार्यवाह उत्तम कुमार ने बताया कि सांगानेर महानगर बनने के बाद यह पहला बडा कार्यक्रम था, इसमें आधी से अधिक सायं शाखाएं पिछले एक वर्ष की अवधि में ही शुरु हुई हैं तथा अधिकांश विधार्थी स्वयंसेवक भी एक वर्ष की अवधि में ही जुडे हैं।

शाखा संगम कार्यक्रम में संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख पराग अभ्यंकर ने उदबोधन दिया। संगम में सर्वाधिक संख्या लाने वाली गोविन्द नगर की विवेकानंद विधार्थी शाखा की 97 व विश्वकर्मा विधार्थी शाखा की 88 संख्या रही। वहीं प्रभात में हनुमान व माधव व्यवसायी शाखाएं अलग-अलग 131 संख्या के साथ प्रथम तथा 95 संख्या के साथ शिवाजी शाखा दूसरे स्थान पर रही।

सर्वाधिक संख्या लाने वाली इन पांचों शाखाओं को अखिल भारतीय सेवा प्रमुख व सह क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने रेशमी ध्वज तथा पीतल का पोल पुरस्कार स्वरुप प्रदान किए गए। इस दौरान क्षेत्रीय व्यवस्था प्रमुख रमेशचंद, जयपुर प्रांत प्रचारक डाॅ शैलेन्द्र, विभाग संघचालक देवीनारायण, विभाग प्रचारक विनायक आदि उपस्थित रहे।

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1 Response

  1. Ghyan singh says:

    कदम कदम री साधना आ देश री अराधना

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