गौरवशाली संस्कृति तथा सभ्यता को बनाये रखने में महिलाओं का योगदान

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मेरठ (विसंकें). राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय तरुणी प्रमुख भाग्यश्री साठ्ये जी ने कहा कि ‘‘भारत की नारी भारत की भाग्य विधाता है. प्राचीन भारतीय समाज को देश की नारी शक्ति ने ही संस्कारी बनाया था. उसी प्रकार आज की नारी को कार्य करना चाहिये. भारत की गौरवशाली संस्कृति और सभ्यता को बनाये रखने में महिलाओं का विशेष योगदान रहा है.’’ भाग्यश्री जी समिति के 80वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मेरठ के चैम्बर ऑफ कॉमर्स भवन में आयोजित तरुणी सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं.
उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा पद्धति में जानकारी तो बहुत मिलती है, परन्तु व्यवहारिक एवं संस्कारी ज्ञान की कमी है. देश की महिला शक्ति को जागृत होकर अपने स्वरूप को पहचानना चाहिये और समाज को कुरीतियों से मुक्त करना चाहिये. राष्ट्र सेविका समिति आज 40 देशों में महिलाओं के बीच काम करने वाला विश्व का सबसे बड़ा संगठन है. संस्था से जुड़ी महिलायें 350 से ज्यादा सेवा प्रकल्प चलाकर देश सेवा में जुटी हैं. 300 से ज्यादा शाखाएं देश में महिलाओं को आत्मरक्षा के लिये प्रशिक्षण दे रही हैं.
सभागार में उपस्थित तरुणियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गंदगी देश की बहुत बड़ी महामारी है. यदि हम संकल्प कर लें कि हम गंदगी नहीं फैलायेंगे तो इस महामारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है. तरुणी सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही लेखिका मीनाक्षी कौशल ने कहा कि देश की बेटियां भारत मां की बिंदिया हैं. कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र के सामने दीप जलाकर किया गया. कार्यक्रम में तीन सत्र रहे. प्रथम सत्र में तेजोमय भारत और द्वितीय सत्र में हम बनें भारत भाग्य विधाता विषयों पर चर्चा हुई. इस अवसर पर एमएएस इण्टर कॉलेज की अध्यापिका राकेश सिरोही, रीना सिंघल, महानगर तरुणी प्रमुख महिमा, प्रभा त्यागी, पायल अग्रवाल, विमला पुण्डीर, तरुणा सिंह, बीना, अंजलि समेत 250 से ज्यादा तरुणियां उपस्थित रहीं.

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