जेएनयू में #TheTashkentFiles की स्क्रीनिंग

जयपुर (विसंकें). जेएनयू में लालबहादुर शास्त्री के जीवन के आधार पर बनी द ताशकंद फाइल्स की स्क्रीनिंग हुई. फिल्म भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मृत्यु को उजागर करती है. विवेक अग्निहोत्री की यह कोशिश काफी हद तक सभी को अपने इतिहास के पन्ने पलटने के लिए मजबूर करती है. लाल बहादुर शास्त्री जी के इर्द-गिर्द बुनी गई इस फिल्म में सवाल उठाए गए हैं कि क्या पूर्व पीएम की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई स्वाभाविक मृत्यु थी या ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उन्हें जहर दे दिया गया था?

लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु 11 जनवरी 1966 को हुई थी. उनकी मृत्यु के बाद उनका पोस्टमार्टम क्यों नहीं करवाया गया? उनके शरीर पर जगह-जगह कट्स के निशान क्यों थे? उनके पार्थिव शरीर को जब भारत लाया गया, तो वह सूजा और काला क्यों था?

फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, पंकज त्रिपाठी, मंदिरा बेदी और राजेश शर्मा जैसे कलाकारों ने भूमिकाओं को निभाया है.

स्क्रीनिंग से पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए द ताशकन्द फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि देश में पॉलिटिकल मर्डर का सच जानना जरूरी है. राइट टू ट्रूथ भी राष्ट्रवाद है, हमें अधिकार है कि देश सच का सामना करे. पत्रकार और युवा का जीवन सत्य और तथ्य पर हो, इसलिए यह मूवी सच्चे पत्रकारों को और भारत के युवाओं को समर्पित है.

कार्यक्रम में एबीवीपी के अखिल भारतीय संगठन मंत्री सुनील आम्बेकर ने कहा कि एबीवीपी देश में देशहित और समाज हित का पर्याय है. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु किन रहस्यमयी परिस्थितियों हुई उसका सच देश को जानने का अधिकार है. विवेक अग्निहोत्री जी की पूरी टीम ने इस सच को देश के सामने रखा है.

 

tashkent-files.. tashkent-files..1 tashkent-files..2 tashkent-files.

 

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seventeen + 2 =