जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सैनिकों के काफिले पर हुए हमले पर अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए मन व्यथित है. अवंतीपोरा में 40 से अधिक शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए जंतर मंतर पर आक्रोश प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में आलोक कुमार जी कार्याध्यक्ष विश्व हिन्दू परिषद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हुए एक और जिहादी हमले में सुरक्षा बलों के 40 से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं. यह कार्य धर्म के नाम पर जुनूनी बनाए गए एक स्थानीय युवक ने किया. यह आत्मघाती हमला था, जिसमें वह भी मारा गया. इस युवक ने पहले से रिकार्ड किए गए एक वीडियो संदेश में कहा है कि जब यह वीडियो अपलोड किया जाएगा, वह जन्नत में होगा. जैश ए मुहम्मद ने इस घटना की जिम्मेदारी भी ली है. स्पष्ट है की नौजवान लोगों को धर्म के नाम पर गुमराह कर भर्ती किया जा रहा है और उनके द्वारा हत्याएं, सम्पत्ति का विनाश तथा आपराधिक कार्य जिहाद व जन्नत के सुखों के लिए करवाए जा रहे हैं. यह एक वैश्विक चुनौती है और विश्व समुदाय को इन घटनाओं तथा उनको जन्म देने वाली विचारधारा का सामना करने के लिए खडा होना होगा. विशेष तौर पर उन लोगों को अब आगे आना जरूरी है जो मानते हैं कि इस्लाम विश्व बंधुत्व व शन्ति का धर्म है.
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री बचन सिंह ने कहा कि जब सुरक्षा बल इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही करते हैं तो जम्मू कश्मीर के अनेक राजनीतिक दल इन लोगों के समर्थन में सेना के विरूद्ध खड़े हो जाते हैं. भारतीय सेना व सुरक्षा बल देश के जन-गन-मन का गौरव है. भारतीय सेना राष्ट्र की अस्मिता की संरक्षक है, भारतीय सेना पर देश के प्रत्येक नागरिक को गर्व है. सेना के अपमान पर राष्ट्र आक्रोशित होता है.
विश्व हिन्दू परिषद भारत सरकार से मांग करता है कि इन आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करे व पाक अधिकृत कश्मीर व पाकिस्तान स्थित आतंकवादी कैम्पों व आतंकी ठिकानों पर तत्काल कार्यवाही करे. हमारे इन भारतीय शहीदों का बदला ले.
विश्व हिन्दू परिषद द्वारा शहीद जवानों के परिवारों से गहरी संवेदना प्रकट करती है और उनके इस दुखद घड़ी में उन परिवारों के साथ है.