पाकिस्तान के झूठे प्रोपागैंडा के साथ ही देश में बैठे कुछ बुद्धिजीवियों के दावे की पोल खुल गई है. द यूनाइटेड स्टेट डिफेंस डिपार्टमेंट ने फॉरेन पॉलिसी डॉट कॉम में प्रकाशित रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उसने सूत्रों के हवाले से समाचार दिया था कि अमेरिका ने पाकिस्तान में एफ-16 जेट्स की गिनती की है, और वो पूरे पाए गए हैं. इसके आधार पर 27 फरवरी को एफ-16 मार गिराने के भारत के दावे को गलत बताया जा रहा था. इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने ट्विट कर भारत के खिलाफ झूठा अभियान शुरू किया था, वहीं देश में बैठे कुछ लोगों ने भी सरकार से सवाल पूछना शुरू कर दिया था.
लेकिन एक दिन बाद ही हिन्दुस्तान टाइम्स को दिये बयान में पेंटागन ने स्पष्ट कहा है कि उन्हें एफ-16 की ऐसी किसी भी गिनती के संबंध में कोई जानकारी नहीं है, न ही ऐसा कुछ हुआ है.
फॉरेन पॉलिसी ने दो अधिकारियों के हवाले से समाचार प्रकाशित किया था कि पाकिस्तान के आग्रह पर डिफेंस डिपार्टमेंट ने एफ16 विमानों का निरीक्षण किया था, और गिनती में पूरे पाए गए हैं। उनमें से कोई कम नहीं है. यहां यह भी उल्लेखनी है कि अमेरिका ने जनवरी 2018 के बाद से पाकिस्तान को किसी भी प्रकार से सैन्य सहयोग पर रोक लगा रखी है.
फॉरेन पॉलिसी की झूठी खबर के बाद देश में तमाम पत्रकारों ने वायु सेना और सरकार पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिए थे. जिसके बाद इंडियन एयरफोर्स के एयर वाइस मार्शल आरजीवी कपूर ने डिफेंस कवर करने वाले पत्रकारों को एफ-16 मार गिराये जाने के सबूत दिखाथे. एफ-16 को मार गिराने का भारत का दावा एकदम सही है.
27 फरवरी को एक साथ 2 विमानों को गिरते देखा गया था. जिनमें एक विमान अभिनंदन का मिराज बाइसन जेट था, जबकि करीब 8-10 किमी दूर दूसरा पाकिस्तानी एफ-16 विमान था. जो एलओसी के पार पीओजेके में सब्ज़कोट के एरिया में गिरा था. इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तानी रेडियो कम्युनिकेशन को भी इंटरसेप्ट किया था. जिससे कन्फर्म हुआ था कि पाकिस्तान का एक एफ-16 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और एयरबेस पर नहीं लौटा.