विसंके जयपुर 30 सितम्बर। हम सशक्त, समउन्नत और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में सम्पूर्ण दुनिया को अपना नेतृत्व प्रदान कर सके, क्योंकि भारत के जिम्मे ही पूर्ण मानवता और विश्व शांति का काम आया है। यह तभी सम्भव होगा जब भारत का प्रत्येक नागरीक देश के लिए जीने और मरने के लिए तैयार हो। यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र के बौद्धिक शिक्षण प्रमुख श्री कैलाश जी का वह आज जयपुर में सम्पन्न हुए संघ के विजयदशमी उत्सवों में से महेश नगर क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में स्वयंसेवको को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होनें कहा की समाज की सज्जन शक्ति को जाग्रत करने के लिए और सबको संस्कारीत और संगठित कर समाज की सेवा के लिए प्रस्तुत होना होगा। सब के अन्दर देश भक्ति का भाव जगे। इसी के संस्कार और विचार देने का काम संघ कर रहा है। संघ विजयदशमी को विजय पर्व के रूप में मनाता है।
एक अन्य कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ने कहा की हिन्दूत्व राष्ट्रयत्व है, और राष्ट्रीयत्व ही हिन्दूत्व है। विजयशालिनी शक्ति से ही राष्ट्र का उद्धार होगा। संघ का स्वयंसेवक दैनिक शाखा की नित्य साधना से ही संगठन का भाव ग्रहण करता है। शाखा से व्यक्ति, व्यक्ति से राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होनें कहा की आज समाज को संगठन की आवश्यकता है। संघ का स्वयंसेवक राष्ट्र सेवा के लिए जो कुछ सम्भव होता है, वह करता है।
आज संघ के स्थापना दिवस पर शहर में 26 स्थानों पर शस्त्र पूजन के कार्यक्रम हुए। संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवको का मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ। इसके बाद 26 स्थानों पर क्षेत्र के विभिन्न मार्गो से ंहजारों स्वयंसेवक घोष के साथ कदम से कदम मिलाते हुए पथ संचलन करते निकले।