मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाके हमने कोई बड़ा तीर नहीं मार लिया: अभिसार शर्मा

जयपुर (विसंकें)। वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा  किस तरह की पत्रकारिता करते हैं ये किसी से छुपा नहीं है और एक बार फिर से उन्होंने अपनी निम्न स्तर की पत्रकारिता और पीएम मोदी के खिलाफ अपनी नफरत को जगजाहिर किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा मसूद अजहर को  अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद जहां पूरी दुनिया इसे भारत के लिए बड़ी कामयाबी बता रही है वहीं अभिसार शर्मा के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि ऐसा करके भारत ने कोई बड़ा तीर नहीं मारा है।

जब चीन ने लगातार चौथी बार जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने में रोड़ा अटकाया था तब यही अभिसार शर्मा पीएम मोदी पर तंज कस रहे थे। वो इसे पीएम मोदी की बड़ी नाकामयाबी बता रहे थे और कह रहे थे कि 56 इंच की छाती चाहिए चीन के रुख को बदलने के लिए।

एक यूजर ने अभिसार शर्मा के इस दोहरे रुख का खुलासा किया है। सोशल मीडिया पर अमित कुमार नाम के एक यूजर ने अभिसार शर्मा से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में अभिसार शर्मा का पहला रुख चीन द्वारा चौथी बार मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट बनाने पर रोक से संबंधित है। इसपर अभिसार शर्मा ने कहा था, “चीन ने चौथी बार आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित किये जाने पर रोक लगा दी। क्या चीन के राजदूत को बुलाकर उन्हें समन करके खरी खोटी सुनाई गयी? बात-बात पर पाकिस्तान के साथ युद्ध की घोषणा करने वालों ने क्या चीन पर युद्ध की घोषणा की ? जी नहीं… वो इसलिए दोस्तों क्योंकि ऐसा करने के लिए ‘56 इंच’ के सीने की जरूरत पड़ती है।” यहां वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा पीएम मोदी के प्रति अपनी नफरत को जाहिर करने का अवसर पाकर ‘56 इंच’ का तंज कस रहे हैं। वो कह रहे हैं कि पुलवामा हमले और भारत में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले जैश के सरगना पर चीन जिस तरह से अपने वीटो का इस्तेमाल करता है उसके खिलाफ भारत सरकार कुछ नहीं कर पाती है क्योंकि उसमें हिम्मत नहीं है, भारत सरकार सिर्फ पाकिस्तान को ही वो युद्ध की धमकी दे सकती है।

वहीं, जब भारत सरकार के प्रयासों के कारण चीन ने मसूद पर अपने तकनीकी होल्ड को हटा लिया और जैश का सरगना ग्लोबल टेररिस्ट घोषित हो गया तो इसमें भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करने की बजाय वो इसे एक छोटी बात बता रहे हैं। अभिसार शर्मा ने कहा, “तो मौलाना मसूद अजहर को अगर हमने ग्लोबल टेररिस्ट बना भी दिया तो उससे कौनसा हमने तीर मार लिया।” इन शब्दों में अभिसार शर्मा की दोहरी पत्रकारिता तो साफ नजर आ रही है साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी नफरत भी नजर आ रही है। अपनी बातों को सही साबित करने के लिए वो महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में बुधवार को हुए नक्सली हमले को उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि किसी मीडिया ने इस खबर को कवर नहीं किया जबकि सच्चाई ये है कि सभी ने इस खबर को न सिर्फ दिखाया बल्कि पूरे देश ने अपनी गहरी संवेदनाएं भी व्यक्त की। वास्तव में अभिसार शर्मा यहां मसूद अजहर जिसने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया और पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की भी जिम्मेदारी ली उसकी तुलना महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में शहीद हुए जवानों से कर रहे हैं, जो कहीं से भी तुलनात्मक नहीं है। दोनों ही घटनाओं में देश के जवान शहीद हुए हैं और भारत सरकार के साथ देश की जनता दोनों ही इस तरह की घटनाओं से दुखी है लेकिन इसपर भी अभिसार शर्मा अपना एजेंडा साध रहे हैं। वो अपनी नफरत में इतने अंधे हो गये हैं कि वो शहीदों पर निम्न स्तर की पत्रकारिता कर रहे हैं और आतंकी मसूद अजहर पर देश को मिली इस बड़ी कामयाबी को महत्वपूर्ण नहीं मान रहे।

साभार
ऋतम्

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