मिशनरी स्कूल में बच्चे की पीट-पीट कर हत्या, फिर दफनाया

शिक्षा के क्षेत्र में गौरवपूर्ण शहरों में गिने जाने वाले देहरादून में शिक्षण संस्थाओं के हालात बदतर होते जा रहे हैं. पिछले दिनों एक नामी बोर्डिंग स्कूल की एक छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना को लोग भूल भी नहीं पाए थे कि बोर्डिंग के ही एक और स्कूल में बारहवीं कक्षा के 2 छात्रों ने उसी स्कूल के एक छात्र की क्रिकेट के बल्ले और विकेट से पीट-पीटकर हत्या कर दी. मृतक छात्र पर एक बिस्कुट का पैकेट उठाने का आरोप था.

यह दुःखद घटना देहरादून के रानीपोखरी क्षेत्र में स्थित ईसाई मिशनरी स्कूल चिल्ड्रन होम एकेडमी में 10 मार्च की है. एक छात्र 12 वर्षीय वासु यादव अपने सहपाठियों के साथ स्कूल के बाहर गया था. साथ के छात्रों का कहना है कि चर्च से लौटते समय वासु ने पड़ोस की एक दुकान से बिस्कुट का एक पैकेट उठा लिया. दुकानदार लेखपाल सिंह रावत ने इस बात की शिकायत स्कूल जाकर प्रबंधकों से कर दी. शिकायत पर स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया. स्कूल के बड़े बच्चों को जब पता चला कि वासु यादव के कारण यह प्रतिबंध लगा है तो उन्हें गुस्सा आ गया. कक्षा 12वीं के 2 छात्रों शुभंकर और लक्ष्मण ने वासु को सबक सिखाने के लिए हॉस्टल के कमरे में घुसकर क्रिकेट के बल्ले और विकेट से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया.

दोनों छात्र वासु को तब तक पीटते रहे जब तक वह मूर्छित नहीं हो गया. इतना ही नहीं, जैसे ही वासु को थोड़ा होश आया तो शुभंकर और लक्ष्मण उसे फिर छत पर ले गए और ठंडे पानी से नहलाया, उसे गंदा पानी भी पिलाया, लगातार प्रताड़ना देते रहे और उसकी पिटाई का क्रम तब तक जारी रखा, जब तक वह दोबारा बेहोश नहीं हो गया. इसके बाद यह दोनों वरिष्ठ छात्र उसे स्टडीरूम में छोड़ आए.

चार घंटे तक चली इस मारपीट के बारे में पीटीआई अशोक सोलोमन, मैनेजर प्रवीण मेसी और वार्डन अजय कुमार को जानकारी थी. वासु की हालत बिगड़ती देख दोनों अभियुक्त छात्रों ने मारपीट में प्रयुक्त विकेट को डर के मारे जला दिया और बल्ले को पीटीआई अशोक को बताकर उनकी अलमारी में छिपा दिया.

इसके बाद स्टडीरूम में जब शाम को गिनती चल रही थी, तो वासु बेहोशी की हालत में मिला. जब उसको बिठाने की कोशिश की गई तो वह उल्टियां करने लगा. प्रबंधन को दाल में कुछ काला लगा. वासु की तबीयत ज्यादा बिगड़ते देख स्कूल स्टाफ उसे स्कूल वाहन से ही पास के जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इस खबर से स्कूल प्रबंधन बुरी तरह घबरा गया और इस कृत्य में शामिल छात्रों के भी हाथ-पांव फूल गए. पर, स्कूल प्रबंधन का आपराधिक कृत्य यहीं पर समाप्त नहीं हुआ. आनन-फानन में मृतक वासु के परिवार को हापुड़ में स्कूल की ओर से फोन किया गया कि ‘फूड पॉइजनिंग’ की वजह से वासु की मृत्यु हो गई है. यह भी जानकारी मिली है कि मृतक वासु के पिता से दबाव में कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए गए कि वह कोई आगे कार्रवाई नहीं करना चाहते और वासु को स्कूल परिसर में ही दफना भी दिया गया.

स्कूल प्रबंधन की इस करतूत का खुलासा स्थानीय चैनल के एक रिपोर्टर ने किया, जिसका संज्ञान लेते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने तत्काल स्कूल पहुंचकर वास्तविकता की जानकारी ली और अपने स्तर पर छानबीन की. जब स्कूल प्रबंधन की इस करतूत की पोल खुली तो सबके चेहरों पर हवाइयां उड़ गईं. पुलिस जिस मौत को अब तक, ‘फूड पॉइजनिंग’ का मामला बता रही थी, उसे भी तत्काल हत्या का मुकदमा दर्ज करना पड़ा. साथ ही दोनों अभियुक्त छात्रों सहित प्रबंधक 51 वर्षीय प्रवीण मेसी, पीटीआई अध्यापक 35 वर्षीय अशोक सोलोमन तथा 58 वर्षीय वार्डन अजय कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. मृतक के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराया गया. मृत्यु का कारण अत्यधिक रक्त स्राव का होना बताया गया.

आश्चर्यजनक है कि स्कूल प्रबंधन ने हिमालयन अस्पताल के डॉक्टरों को भी फर्जीवाड़े में शामिल कर लिया? हिमालयन अस्पताल के डॉक्टरों ने भी वासु की मृत्यु का कारण ‘फूड पॉइजनिंग’ बताया था. वासु के पिता झप्पू यादव आर्थिक रूप से कमजोर हैं और खुद भी मेरठ में दिल्ली रोड स्थित विवेकानंद कुष्ठ आश्रम में रहते हैं.

यह भी सूचना है कि स्कूल में कन्वर्जन की गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा रहा था. मृतक छात्र हिन्दू था, उसको ईसाई तरीके से दफनाया जाना इस बात की पुष्टि करता है कि गरीबी की जिन्दगी जी रहे वासु यादव के परिवार को पहले ईसाई बनाए जाने के बाद ही उसे यहां शिक्षा और छात्रावास का प्रलोभन दिया गया था. घटना से पूर्व बच्चों को चर्च ले जाना भी कन्वर्जन के आरोपों की पुष्टि करता है, जबकि उत्तराखंड में कन्वर्जन के खिलाफ सख्त कानून बना हुआ है.

साभार – पाञ्चजन्य

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