मीडिया-जन संवाद का माध्यम – डॉ. मनमोहन वैद्य जी

जयपुर (विसंकें). स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि मीडिया जन संवाद का माध्यम है, अतः इसे ध्यान में रखकर देखना व संवाद करना चाहिये. सह सरकार्यवाह जी विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान नई दिल्ली की प्रचार विभाग की अखिल भारतीय कार्यकर्ता विकास कार्यशाला के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारा विचार, हमारी बात जनता तक पहुँचाने का माध्यम मीडिया है, इसलिए जन संवाद शब्द जुड़ा है. राष्ट्र पर कहा कि हमारी राष्ट्र की तरफ देखने की विशिष्ट दृष्टि है. इसके लिए हमारा आधार विचार है.

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान 1952 से शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत है. भारत केन्द्रित व भारतीय चिन्तन के आधार पर शिक्षा कैसी होनी चाहिए व शिक्षा के साथ संस्कार व विचार भी बालक को दिया जाना चाहिए. इसके लिए विद्या भारती ने देश में एक प्रतिमान खड़ा किया है. इतने वर्षों में संस्कारयुक्त शिक्षा के लिए अनेकानेक सफलतम् प्रयोग हुए हैं. हमारे विद्यालय समाज परिवर्तन के वाहक बने हैं. एक अच्छा नागरिक तैयार करने में जो सफलता मिली है, वह दुनियाभर में फैले पूर्व छात्रों के कर्तृत्व को देखकर ध्यान आती है. हमारा विचार, हमारी सफलताएँ, हमारी उपलब्धियां, हमारे सफलतम प्रयोग यह समाज में मीडिया के माध्यम से जाए, इसलिए प्रचार विभाग है.

प्रचार विभाग के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए 28-30 अप्रैल को सरस्वती बाल मंदिर, नेहरू नगर, नई दिल्ली में ‘प्रचार विभाग अखिल भारतीय कार्यकर्ता विकास कार्यशाला’ का आयोजन किया गया था. कार्यशाला में प्रत्येक प्रांत से चार प्रकार के कार्यकर्ता प्रचार प्रमुख, संवाददाता, पत्रिका सम्पादक व प्रांतीय समिति से प्रभारी कार्यकर्ता अपेक्षित थे. कुल 11 क्षेत्रों के 36 प्रांतों से 97 कार्यकर्ता सहभागी हुए और 13 विषय विशेषज्ञों व अधिकारियों द्वारा कार्यशाला में प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन किया गया.

उद्घाटन सत्र में विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री अवनीश भटनागर जी ने कहा कि आत्म प्रशंसा के लिए प्रचार नहीं, अच्छी बातों को समाज तक पहुँचाने के लिए प्रचार विभाग है. इस कार्य को प्रभावी बनाने के लिए पत्रकार, मीडियाकर्मी के अलावा समाज में ओपिनियन मेकर वर्ग या समाज के प्रबुद्ध वर्ग से करना आवश्यक है.

संगठनात्मक विषय पर प्रचार विभाग प्रभारी सुधाकर रेड्डी जी ने कहा कि पूर्व छात्रों, प्रबंध समिति के कार्यकर्ताओं को प्रचार विभाग का दायित्व देना चाहिए. विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद शर्मा जी ने कहा कि समाज को हमारे विचारों के साथ जोड़ना हमारा लक्ष्य है. हमें यदि अपनी दृष्टि, विचारों को समाज तक पहुँचाना है तो हमें डिजिटल-सोशल प्लेटफॉर्म की ओर मुड़ना होगा.

कार्यशाला में 28 अप्रैल प्रातः से 30 अप्रैल सायंकाल तक कुल 16 सत्रों में मीडिया के विभिन्न आयामों व तकनीकी कौशल का अभ्यास करवाया गया. प्रिंट व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया से संवाद, मीडिया और लेखन के विविध स्वरूप, फोटो जर्नलिज्म, वीडियोग्राफी, सोशल मीडिया, वेब पब्लिशिंग, पैनल डिस्कशन, डिबेट आदि विषयों पर विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा रुचिपूर्ण ढंग से अभ्यास हुआ. मीडिया हाऊस की संरचना कैसी रहती है, वहाँ प्रबंधन कैसे रहता है. इसके लिए प्रचार प्रमुखों को जी न्यूज़, पंजाब केसरी संस्थान ले जाया गया. प्रत्यक्ष जाकर देखने से प्रतिभागियों का अधिक ज्ञानवर्धन हुआ.

केन्द्रीय संवाद, पत्रिकाएं, फेसबुक पेज, वाट्सएप का उपयोग आदि पर विजय मारू जी ने प्रतिभागियों को जानकारी दी. राष्ट्रीय मंत्री शिवकुमार जी ने विद्याभारती के वैचारिक अधिष्ठान, कार्यक्रम, गतिविधियों पर पीपीटी के माध्यम से जानकार दी. कहा कि हम प्रचार विभाग के कार्यकर्ताओं को अपनी सब बातों की जानकारी आवश्यक है.

सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि तीन प्रकार की तैयारी करनी है. एक अपने विषय की जानकारी, अध्ययन, दूसरा जन संवाद के माध्यमों की समझ और तीसरा इन माध्यमों में लगे लोगों से सम्पर्क, सम्बंध व संवाद.

कार्यशाला के दौरान 30 अप्रैल को विद्या भारती के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री स्व. शांतनु रघुनाथ शेंडे जी की श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की गई. कार्यशाला में राष्ट्रीय संगठन मंत्री काशीपति जी, राष्ट्रीय संरक्षक ब्रह्मदेव शर्मा जी, मिलिंद ओक जी, अजिंक्य कुलकर्णी जी उपस्थित रहे.

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