जयपुर। स्वर्गीय अशोक सिंघल जी के अस्थि कलश जयपुर पहुंचने पर 25 नवम्बर को विहिप प्रांतीय कार्यालय ‘भारत माता मंदिर’ में विजय महामंत्र ‘श्रीराम जयराम जय—जय राम’ का जाप किया गया। विजय महामंत्र का जाप सवा घंटे चला जिसमें सैंकडों लोगों ने हिस्सा ले सामूहिक जाप किया। इसके बाद भारत माता मंदिर से य़ात्रा निकली, जो विभिन्न मार्गों से होती हुई गलता तीर्थ पहुंची। यहां श्रीसिंघल की अस्थियों को गलता कुण्ड में विसर्जित किया गया।
उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए विहिप के जयपुर प्रांताध्यक्ष श्रीनरपतसिंह शेखावत ने श्री अशोक सिंघल के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण श्री सिंघल के जीवन का सबसे बडा संकल्प था। वे वेंदों का प्रचार—प्रसार पूरे संसार में करने के लिए भी प्रयासरत थे। श्रीसिंघल के संकल्पों को पूरा करने में अपनी समस्त शक्ति लगाना ही श्री सिंघल को सच्ची श्रद्धांजलि देना होगा।
प्रांत मंत्री किशोरीलाल जी ने बताया कि इस प्रकार वैदिक विधिविधान के साथ पूरे राजस्थान में 160 स्थानों पर श्री सिंघल के अस्थि कलश विसर्जित किये जा रहे है।