श्री सिंघल के संकल्प भव्य राममंदिर निर्माण व संसार में वेदों के प्रचार—प्रसार को अपना संकल्प बनाएं—श्री भागवत

भव्य राममंदिर निर्माण के संकल्प के साथ श्री सिंघल को श्रद्धांजलि
नई दिल्ली| दिल्ली के के.डी. जाधव रेसलिंग स्टेडियम में
22 नवम्बर को विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक व हिंदुत्व के महामानव श्री अशोक
सिंहल की श्रद्धांजलि सभा राममंदिर निर्माण के संकल्प के साथ संपन्न हुई
| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघाचालक मोहनराव भागवत जी ने मेदान्ता
अस्पताल में भर्ती अशोक सिंघल जी के साथ हुई उस वार्ता की चर्चा करते हुए
सभा को बताया कि अशोक सिंघल जी ने अपने जीवन में दो संकल्प किये थे : एक
अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण करना और दूसरा संसार में
वेदों का प्रचार–प्रसार करना | मोहन भागवत जी ने कहा कि हमें अशोक सिंघल
जी के संकल्प को पूरा करने हेतु उनके संकल्प को अपना संकल्प बनाना होगा |
ईश्वरीय कार्य तो अवश्य पूर्ण होगा, बस हमें निमित्त मात्र बनना होगा |
विश्व हिन्दू परिषद् के अध्यDSC_0088 DSC_0093 DSC_0100क्ष श्री राघव रेड्डी जी ने अशोक सिंघल जी को —
इक्कीसवी सदी का विवेकानंद बताते हुए उन्हें अपना गुरू व मार्गदर्शक
बताया | विश्व हिन्दू परिषद् के कार्याध्यक्ष डा. प्रवीण तोगडिया ने अशोक
सिंघल जी को संत–सेनापति और भारत की राजनीति में धर्म को पुर्नस्थापित
वाला बताते हुए कहा कि उन्होंने 23 प्रतिशत जनसंख्या द्वारा 77 प्रतिशत
पर वीटो पावर के इस्तेमाल पर अंकुश लगाया | छुआछूत का उन्मूलन, अविरल व
निर्मल गंगा, गौवध पर अंकुश तथा एक लाख से अधिक गैर ब्राह्मणों को अर्चक
पुरोहित बनाकर हिंदुत्व के विजय का शंखनाद किया | उन्होनें कहा कि
अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण हेतु मात्र एक ही रास्ता है कि देश की
संसद सोमनाथ की तर्ज़ पर राम मंदिर निर्माण हेतु अविलम्ब क़ानून बनायें |
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डा. मुरली मनोहर जोशी ने अशोक सिंघल
को अपनी श्रद्धांजली देते हुए कहा कि वे सर्वधर्म समभाव के प्रबल समर्थक
और एक प्रकाशपुंज थे जिसकी पूर्ति हम सभी छोटे–छोटे दीपक के रूप में उनके
दिखाए मार्ग पर चलकर कर सकते हैं |
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित
करते हुए अशोक सिंघल जी को साहसी, पराक्रमी, अडिग, अचल तथा विनम्र बताते
हुए कहा कि उनके जाने से एक युग का अंत हो गया है, जिसकी पूर्ति नहीं की
जा सकती है |
हालैंड से पधारे राजा लुईस ने अपनी श्रद्धाजंली व्यक्त करते हुए कहा कि
देवभूमि व वेदभूमि के रूप में अशोक सिंघल ने संसार में भारत का परिचय
करवाया | इस अवसर पर साध्वी ऋतंभरा, सतपाल जी महाराज, स्वामी चिदानंद
मुनि, वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय, तरुण विजय, वीरेश्वर द्विवेदी,
नवीन कपूर, विष्णु हरि डालमिया, सलिल सिंघल, महेश भागचंदका इत्यादि लोगों
ने सभा को संबोधित किया |
इस अवसर पर संघ–परिवार के दत्तात्रेय होसबले जी, कृष्ण गोपाल जी, दिनेश
चन्द्र जी, चम्पत राय जी, विनायकराव देशमुख जी, विज्ञानानंद जी, रामलाल
जी, श्याम जाजू जी, भूपेन्द्र यादव जी, अनिल जैन जी, दीनानाथ बत्रा जी के
साथ–साथ भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर जी, साध्वी निरंजन
ज्योति जी, जे. पी. नड्डा जी, डॉ. हर्षवर्धन जी के साथ–साथ अनेक गणमान्य
लोगों से स्टेडियम खचाखच भरा था | अशोक सिंघल जी की श्रद्धांजली सभा में
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, दलाई लामा, आशाराम बापू, सुधांशु जी महाराज,
रॉयल भूटान सरकार, नेपाल के उपप्रधानमंत्री, मुलायम सिंह यादव, शीला
दीक्षित जैसे कई वरिष्ठ नेताओं का सन्देश पढ़ा गया |

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