समाज की उदासीनता और तथाकथित बुद्धिजीवियों की बाहरी शक्तियों के प्रति निष्ठा देश की समस्याओं का बड़ा कारण – पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ

जयपुर (विसंकें)। यदि समाज ने जल्द ही अपने दायित्व को नहीं पहचाना तो देश विभाजनकारी शक्तियों द्वारा फिर से विभाजन की ओर ले जाया जाएगा। राजस्थान महाविद्यालय, जयपुर के एनएसएस शिविर में अंतिम दिन आयोजित भाषण शृंखला में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने युवाओं में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए जागरूक मतदाताओं का महत्व बताया, साथ ही समाज की उदासीनता और तथाकथित बुद्धिजीवियों की बाहरी शक्तियों के प्रति निष्ठा को ही देश की समस्याओं का कारण बताया।
कुलश्रेष्ठ ने पत्रकारिता के क्षेत्र में 12 वर्ष पाकिस्तान में रहकर कार्य किया और अपने अनुभव युवाओं से साझा किए। उन्होंने कहा पाकिस्तान का निर्माण मजहब के आधार पर हुआ था। सिंध, पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा इसके चार प्रांत हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब प्रांत ने जिस तरह से पूरे पाकिस्तान को अपनी गिरफ्त में ले रखा है, उससे बाकी तीन सूबे इस इस्लामिक राष्ट्र के खिलाफ खड़े हैं और यह मुल्क टूटने की कगार पर है। इसी पाकिस्तान के द्वारा आतंकवाद व कश्मीर की समस्या भारत में पैदा की गई है। अगर युवा अपनी जिम्मेदारियां पहचान लें तो ऐसी सभी समस्याओं का समाधान बहुत शीघ्र हो जाएगा।
पुष्पेंद्र ने युवाओं के समक्ष स्वयं के द्वारा किए गए कुछ प्रयासों की सफलता का उल्लेख भी किया, जिनमें उनके द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी जानकारियों के संग्रह का सरकार द्वारा नेशनल आर्काइव्स पर जारी करना तथा प्रोफेसर कपिल कुमार की निगरानी में दिल्ली के लाल किले में सुभाषचंद्र बोस के जीवन के हर पहलू को उजागर करते हुए और राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए उनके अमूल्य योगदान को सबके सामने लाने के लिए एक म्यूजियम का निर्माण किया जाना प्रमुख है। म्यूजियम का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा 23 जनवरी 2019 को किया गया।
पुष्पेंद्र ने अपनी सबसे बड़ी मुहिम का उल्लेख करते हुए बताया कि भारतीय संविधान में आर्टिकल 35 A को किस तरह से जवाहरलाल नेहरू के कहने पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के आदेश पर भारत के संविधान का हिस्सा बना दिया गया और जम्मू कश्मीर की सरकार द्वारा उसको 1944 यानी आजादी से पूर्व की अवधि से लागू किया गया। जिसका पूरा आधार पाक अधिकृत कश्मीर से अपना सब कुछ छोड़ कर आए हुए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता से वंचित रखना था। पुष्पेंद्र ने वर्तमान बुद्धिजीवियों के द्वारा इस संवैधानिक षडयंत्र पर मौन रहने पर आश्चर्य व्यक्त किया।
अंत में पुष्पेंद्र ने युवाओं को अपने राष्ट्रीय दायित्व के प्रति जागरूक रहने की बात कही।
आगे कार्यक्रम में डॉ कुलदीप दत्ता ने भारतीय सेना के आधुनिकीकरण पर बल दिया और इस ओर किए जा रहे सरकारी प्रयासों की सराहना की।

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