स्वर्गीय अशोक जी सिंघल के निधन से सारे विश्व के हिन्दू समाज को गहरा शोक हुआ है. उनके लम्बे
संघर्षमय जीवन का अंत भी मृत्यु के साथ लम्बा संघर्ष करते हुए हुआ. श्री अशोक जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक
संघ के प्रचारक थे. संघ की योजना से उन्हें विश्व हिन्दू परिषद का दायित्व दिया गया था.
विश्व हिन्दू परिषद के माध्यम से हिन्दू समाज में चैतन्य निर्माण करते हुए उन्होंने हिन्दू समाज का
सिंहत्व जाग्रत किया. श्री रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण आन्दोलन को एक महत्व के मुकाम पर लाने में
उनकी महत्व की भूमिका रही है. भारत के सभी श्रेष्ठ साधू – संतों के साथ सतत आत्मीय संपर्क के
कारण उन्होंने सभी साधू – संतों का विश्वास एवं सम्मान अर्जित किया था. हिंदुत्व के मूलभूत चिन्तन
का उनका गहरा अध्ययन था जो उनके वक्तव्य एवं संवाद द्वारा हमेशा प्रकट होता था.
ऐसे एक सफल संगठक एवं सक्रिय सेनापति को हिन्दू समाज ने आज खो दिया है. गत कुछ दिनों से
अपने स्वास्थ्य के कारण विश्व हिन्दू परिषद् का कार्यभार अपने सुयोग्य साथियों को सौंप कर मार्गदर्शक
के रूप में वे कार्य कर रहे थे. स्वतंत्र भारत के हिन्दू जागरण के इतिहास में श्री अशोक जी का संघर्षशील