सहकारिता की भावना से कार्य करें सहकारी संस्थाएं – आलोक कुमार जी

सहकारिता क्षेत्र में कार्यरत सहकार भारती दिल्ली ने 23 सितम्बर 2018 को महाराजा अग्रसेन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सभागार में सहकार भारती के संस्थापक श्रद्धेय लक्ष्मण राव ईनामदार जन्म शताब्दी समारोह के समापन अवसर पर “सहकार परिषद” कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की सहकारी संस्थाओं जैसे क्रेडिट सोसाइटी, हाउसिंग कोऑपरेटिव, अर्बन बैंक, उपभोक्ता भण्डार, बुनकर सोसाइटी दिल्ली राज्य सहकारी संघ, दिल्ली स्टेट अर्बन बैंक फेडरेशन, ग्रुप हाउसिंग फेडरेशन, महिला सहकारी संघ, उपभोक्ता भण्डार सहकारी संघ आदि के पदाधिकारी और निदेशक उपस्थित रहे.

सहकार परिषद कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री प्रो. उदय जोशी, कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दिल्ली प्रांत के सह संघचालक आलोक कुमार जी, कार्यक्रम के अतिथि महाराजा अग्रसेन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चेयरमैन नन्द किशोर गर्ग जी, दिल्ली राज्य सहकारी संघ के महामंत्री पी.एम. शर्मा सहित अन्य गणमान्यजनों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आलोक कुमार जी ने कहा कि सहकारी संस्थाओं में निर्वाचन में सर्वसम्मति होना अत्यंत आवश्यक है, जिसके अभाव में सदस्यों के बीच कटुता और द्वेष पनपता है. निर्वाचन के कारण जीतने वाले के मन में अहम पनपता है और पराजित होने वाले के मन में द्वेष पनपता है. जिसका दुष्परिणाम संस्था के सदस्यों को भुगतना पड़ता है और सहकारिता की भावना कमजोर होती है.

सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री उदय जोशी जी ने सहकार भारती के संस्थापक श्रद्धेय लक्ष्मण राव ईनामदार जी के योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि हम सहकारिता क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्ति को संस्कारित भाव से कार्य करने के लिए प्रेरित करें. सहकारिता के नए आयाम जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है. डॉ. नन्द किशोर गर्ग जी ने कहा कि मन, वचन और कर्म से सहकारी संस्थाओ में काम करने वाले मंडल को आदर्श प्रस्तुत करने के लिए स्वयं को पारदर्शी और ईमानदार बनना होगा और स्वयं सुविधाओं की अपेक्षा ना कर त्याग की भावना से कार्य करना होगा.

विभिन्न सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने विचार रखे कि दिल्ली में क्रेडिट सोसाइटी को छोड़कर विभिन्न प्रकार की सहकारी संस्थाओं की शीर्ष फेडरेशन या संघ स्थापित है, जैसे – दिल्ली राज्य सहकारी संघ, दिल्ली स्टेट अर्बन बैंक फेडरेशन, ग्रुप हाउसिंग फेडरेशन, महिला सहकारी संघ, उपभोक्ता भण्डार सहकारी संघ आदि. लेकिन इसके बावजूद दिल्ली का सहकारिता आन्दोलन अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ा हुआ है. सहकारी संस्थाओं को कर विभाग, रिकवरी, ऑडिट, रिहायशी क्षेत्र में संस्था चलाने पर पाबंदी, गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण संस्था का अभाव, 20,000 रुपये से अधिक राशि नगद लेने पर रोक, अधूरी वेबसाईट, दोहरी सदस्यता, शीर्ष संघ और संस्थाओं में सदस्यता ना मिलना, हाउसिंग सोसाइटी को जगह ना मिलना आदि समस्याओं से जूझना पड़ता है. दिल्ली के सहकारिता क्षेत्र को सशक्त और सक्षम बनाने की आवश्यकता है. इसके लिए सहकारिता क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन लाना होगा. सहकारिता क्षेत्र के मनीषियों और विद्वानों को क्षेत्रीय, जातीय और राजनीतिक दायरे से बाहर एक मंच पर संगठित करने का जो बीड़ा सहकार भारती ने उठाया है, उसमें हम सभी एकजुट होकर कार्य करेंगे और आज सहकारिता क्षेत्र में सुधार के लिए जो रोडमैप तैयार किया है उसके लिए कार्य करेंगे.

अध्यक्षीय भाषण में सहकार भारती दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुनील गुप्ता जी ने कहा कि इस आन्दोलन को सही दिशा देने के लिए सहकार भारती कटिबद्ध है.

इस अवसर पर सहकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और विभिन्न सहकारी संस्थाओं को सहकार सम्मान से सम्मानित किया गया. सहकार संदर्शिका स्मारिका का विमोचन भी किया गया.

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