—धौलपुर की लोहार सेवा बस्ती में महाराणा प्रताप जयंती समारोह सम्पन्न
विसंकेजयपुर
धौलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,धौलपुर की सामाजिक समरसता गतिविधि की ओर से धौलपुर स्थित लोहार सेवा बस्ती में हिन्दू ह्दय सम्राट वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 476वीं जयंती मनाई गई। इस दौरान सैंकडों की संख्या में लोहार, भाट आदि समाज—बंधु उपस्थित थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ.विजयसिंह जी व विशिष्ठ अतिथि नाहर सिंह जी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोहार बस्ती के वयोवृद्ध प्यारेलालजी ने की। इस अवसर पर सह—संघचालक पुरूषोत्तम जी ने भी उपस्थित थे।
महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डालते हुए डॉ.विजयसिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप ने देश,धर्म और समाज की रक्षा के लिए जंगल—जंगल भटकना पसंद किया लेकिन विदेशी आतताइयों की अधीनता स्वीकार नहीं की। जैसे स्वाभिमानी महाराणा प्रताप थे वैसे ही उनके सैनिक थे। इसका अनुमान प्रताप की सेना में हथियार बनाने वाले सैनिक सूबेदारों के त्याग से लगा सकते है। सैनिक सूबेदारों ने मेवाड. की हार के बाद अकबर की सेना में काम करने की बजाय देश के किसानों के लिए कृषियोग्य उपकरण बनाना पसंद किया। उन्होंने तब संकल्प लिया कि जब तक उन्हें मेवाड.नहीं मिल जाता तब तक न सुख की जिंदगी जीयेंगे और न पक्का मकान बनाकर रहेंगे। गाडिया लोहर बनकर रहेंगे। सैनिक सूबेदारों और उनके परिवारों ने अपने संकल्प को जीया। अब तक भी वे लोहार बनकर रह रहे हैं।
अब हमें लौटना होगा
डॉ.सिंह ने कहा कि अब भारत आजाद हो चुका है। मेवाड. हमारे पास है। हमें अब अपने घर लौटना होगा। अब हमें एक स्थान पर रहकर न केवल रोजगार करने बल्कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की आवश्यकता है। इस अवसर पर डॉ.सिंह ने उपस्थित समाज—बंधुओं को लोहार समाज बंधुओं को मूलधारा में लाने के कार्य में लगने का आह्वान किया।
बस्ती में चलेगा संस्कार केन्द्र
लोहार सेवा बस्ती के बच्चों को संस्कार मिले, उन्हें बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए सेवा बस्ती के अन्दर अब संस्कार केन्द्र चलाया जाएगा। नाहरसिंह जी ने यह घोषणा की। इस अवसर पर श्रीसिंह ने संस्कार केन्द्र संचालित करने में हर संभव मदद करने की भी बात कही।
फोटो कैप्शन 1.महाराणा प्रताप के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत करते श्री प्यारेलाल जी। 2.प्रताप के जीवन पर प्रकाश डालते वक्ता। 3.कार्यक्रम में उपस्थित सेवा बस्ती के समाज—बंधु।