जयपुर,18 अक्टूबर । अखिल भारतीय साहित्य परिषद जयपुर की ओर से करवा चौथ और नारी अस्मिता विषय पर रविवार को आदर्श विद्या मंदिर मानसरोवर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता राजस्थान संस्कृत अकादमी की अध्यक्ष जया दवे ने की।
इस अवसर पर अभासप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री विपिन चन्द्र ने कहा कि साहित्य समाज का निर्माण करता है। साहित्य से ही जीवन मूल्यों का विकास होता है, साहित्य से ही हम समाज को आदर्श बना सकते हैं। तुलसीदास के समय परिस्थितियां समाज को उद्वेलित करती है। समाज में संस्कारों की परम्पराओं को निर्वहन करने के लिए भाई का भाई के प्रति, पति का पत्नी के प्रति समर्पण होना चाहिए।
डॉ. कुसुम शर्मा ने करवा चौथ की महता बताते हुए कहा कि यह हमारी भारतीय संस्कृति विशेषकर हिन्दू समाज की प्राचीन परंपरा है। यह पति- पत्नी का एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव का पर्व है।
इस अवसर पर हमारा दृष्टिकोण पुस्तिक का विमोचन भी किया गया। पुस्तक में करवा चौथ और नारी अस्मिता विषय पर अनेक लेख संकलित है।