—विद्या भारती का ‘समरसता संगम’ 14 अक्टू.से
—सेवा बस्तियों में संस्कार केन्द्र चलाने कार्यकर्ताओं होंगे शामिल
विसंकेजयपुर
जयपुर, 13 अक्टूबर। प्रसिद्ध संत श्री रामानुजाचार्य की सहस्राब्दि, डॉ.भीमराव अम्बेडकर के 125वें जयंती वर्ष एवं पं.दीनदयाल उपाध्याय, संघ के तृतीय प.पू.सरसंघचालक बालासाहब देवरस के जन्म शताब्दी वर्ष पर विद्या भारतीय राजस्थान ने समरसता को लेकर बडा कार्यक्रम करने जा रही है। रामायण के रचियता ऋषि वाल्मीकि जयंती के ठीक दो दिन पहले आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम का महत्व और अधिक बढ जाता है।
समरसता का संदेश जन—जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से विद्या भारती 14,15,16 अक्टूबर को जयपुर के केशव विद्यापीठ परिसर में ‘समरसता संगम—2016’ आयोजित कर रही है। कार्यक्रम की मुख्य बात यह है कि इसमें राजस्थान भर की सेवा बस्तियों में संचालित हो रहे संस्कारों केन्द्रों की समितियों के कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे जिनकी संख्या लगभग आठ हजार से अधिक रहेगी।
‘समरसता संगम’ का उद्घाटन कार्यक्रम 14 अक्टूबर प्रात: 11 बजे होगा। कार्यक्रम के दौरान वाल्मीकि धाम उज्जैन के संतश्री पू.बालयोगी उमेशनाथ, रेवासाधाम अग्रपीठाधीश्वर पू.राघवाचार्य एवं लालेश्वर महादेव मंदिर शिववाडी बीकानेर के महंत पू.स्वामी सोमगिरी महाराज का आशीर्वचन मिलेगा। मुख्य वक्ता रा.स्वयंसेवक संघ के सेवा प्रमुख श्री सुहासराव हिरेमठ होंगे। कार्यक्रम में विद्या भारती के केन्द्रीय मंत्री श्री शिवप्रसाद, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे, राजस्थान सामाजिक न्याय मंत्री श्री अरूण चतुर्वेदी एवं सांसद श्री रामकुमार वर्मा भी मौजूद रहेंगे।
तीन दिन तक चलने वाले इस संगम में विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। एक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री श्री राज्यवर्धनसिंह राठौड भी होंगे।
वाल्मीकि जयंती पर होने वाले संगम का समापन समारोह 16 अक्टूबर शरद पूर्णिमा पर प्रात:11.30 बजे है जिसके मुख्य वक्ता विद्या भारती के केन्द्रीय सह—संगठन मंत्री श्री यतीन्द्र शर्मा होंगे।