पुणे (विसंके) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश रामचंद्र केतकर(आयु 82) का शनिवार 16 जुलाई को सुबह 8.30 बजे लातूर स्थित स्वामी विवेकानंद अस्पताल में स्वर्गवास हुआ। पार्किन्सन की बीमारी के चलते पिछले कुछ वर्षों से वे स्वास्थ्य लाभ के लिए लातूर में थे। लातूर में दोपहर 12.30 बजे उनके अंतिम संस्कार किए गए। उनके परिवार में एक भाई और एक भतीजा है।
सुरेशराव केतकर मूलतः पुणे के स्वयंसेवक थे। बी. एससी. बी. एड. तक उनकी पढ़ाई हुई थी। खडकी स्थित आलेगावकर विद्यालय में एक वर्ष अध्यापक के रूप में काम करने के बाद 1958 में वे संघ के प्रचारक बने। प्रचारक के रूप में उन्होंने सांगली जिला, सोलापूर जिला और लातूर विभाग में कार्य किया। महाराष्ट्र प्रांत के शारीरिक शिक्षण प्रमुख तथा क्षेत्र प्रचारक, अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षा प्रमुख, अखिल भारतीय सहसरकार्यवाहक, अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख का दायित्व उन्होंने निभाया।
ऊर्जा से ओतप्रोत केतकरजी पूरे देश के लाखो कार्यकर्ताओं के परिवार के अभिभावक जैसे थे। उनके द्वारा तैयार किए गए हर एक कार्य पर उनकी आत्मीयतापूर्ण शैली का प्रभाव था। पूरे देश में यात्रा करते हुए मिलनेवाले कार्यकर्ताओं की सारी जानकारी लेकर उसे ध्यान में रखनेवाले और प्यार से उनकी आवभगत करनेवाले केतकरजी संघकार्य के जीते जागते प्रतिमान थे।
कर्मठ जीवन
पिछले कुछ वर्षों में बढ़ती उम्र तथा कई शारीरिक समस्याओं के उपरांत भी उन्होंने संघकार्य जारी रखा था। शारीरिक शिक्षा विषय में उनकी अच्छी रूचि थी। इस क्षेत्र में उनका काफी योगदान रहा। पुरानी पीढ़ी के कर्मठ प्रचारक के रूप में वे जाने जाते थे। अस्वस्थ होने तक वे स्वयं प्रतिदिन व्यायाम, सूर्यनमस्कार स्वयं भी करते थे और औरों को भी व्यायाम के लिए आग्रह करते थे। भारतीय मजदूर संघ,संस्कार भारती, भारतीय किसान संघ आदी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं का पालकत्व उनके पास था।
स्वयं के प्रति कठोर
जब वे सह—सरकार्यवाह थे तब उनका प्रवास के दौरान राजस्थान के जयपुर, कोटा, भीलवाडा, ब्यावर, बांसवाडा आदि स्थानों पर संघ शिक्षा वर्ग एवं प्रचारक बैठकों के निमित आना हुआ। वे बहुत अनुशासित प्रिय थे। स्वयं के प्रति बहुत ही कठोर थे। एक बार उनका कोटा प्रवास पर आना हुआ। उस दिन उनके 102 डिग्री बुखार था। भयंकर बीमार होने के बाद भी उन्होंने जिला प्रचारकों की बैठक ली।
Bhagwan unki aatma ko shanti Pradan Kare