अपनी जीवनशैली ऐसी बनाएं कि चिकित्सा की आवश्यकता न पड़े – वी. भगय्या

दिल्ली में सेवा भारती की पैथ लैब का शुभारम्भ

नई दिल्ली. सेवा भारती के वढेरा भवन केन्द्र में वंचित वर्ग के लिए पैथ लैब का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह वी. भगय्या जी ने किया. अशोक विहार फेज-2 में लैब का शुभारम्भ करने के पश्चात उन्होंने कहा कि सेवा कार्यों में समर्पण के कारण ही यह देश अब तक जीवित है. जितने भी लोग सेवा भारती केन्द्रों में काम करते हैं, सभी प्रेम और सम्मान का व्यवहार करते हैं. जिससे लोगों का आधा रोग दूर हो जाता है.

उन्होंने कहा कि गरीब शब्द भारत में नहीं रहना चाहिए, लेकिन अभी गरीबी है. इसलिए जो अभी गरीब हैं, उन्हें अपना भाई और बहन बना लो. वेद काल से बताया गया है कि यह भूमि हमारी मां है और हम उसके पुत्र हैं, यह मायने नहीं रखता है कि वह किस देश में है. अमेरिका में भी 4 करोड़ गरीब लोग हैं. वहां के भारतीय परिवार सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार को अपने घर से खाना बनाकर वहां के गरीब लोगों को अपने बच्चों की तरह खिलाते हैं. हर साल उन्हें दो जोड़ी नए कपड़े भी देते हैं. जबकि वह सब ईसाई लोग हैं, लेकिन उनका मतांतरण करने का कभी वहां के भारतीय लोगों ने प्रयास नहीं किया. देश में कोई भी अभावग्रस्त दिखे, यह हम सबके लिए अपमानजनक है. इस भावना के कारण सेवा होती है, यह भारतीय परम्परा है.

सह सरकार्यवाह जी ने लैब में लगी आधुनिक टैक्नोलॉजी की चिकित्सा जांच मशीनों के लिए सबको बधाई देते हुए कहा कि हमें अपनी जीवनशैली ऐसी बनानी चाहिए कि हमें चिकित्सा की जरूरत न पड़े, इसके लिए संयमित खानपान व व्यायाम पर ध्यान देने का आग्रह किया. वातावरण की स्वच्छता के साथ जैविक कृषि स्वस्थ भारत निर्माण के लिए जरूरी है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले 10 सालों में भारत यूरिया मुक्त हो जाएगा. सेवा की जितनी भी संस्थाएं हैं, उन्हें लोगों के खानपान और जीवनचर्या को सुधारने का प्रयास प्रमुखता से करना चाहिए.

कार्यक्रम के अध्यक्ष सुन्दर लाल ने बताया कि मानव सेवा ही भारत सेवा तथा भगवान की सेवा है जो सेवा भारती कर रही है.

सेवा भारती के वढेरा भवन का निर्माण वर्ष 2015 में आरम्भ हुआ था. इस भवन के लिए 500 गज भूमि वी.के. वढेरा जी ने दान की थी. योगदान केन्द्र भूतल में 9.4.2017 को शुरु किया गया. यहां पर घरों के अनुपयोगी कपड़े या अन्य सामान एकत्र होता है, जिन्हें समाज के वंचित लोगों को 10 या 20 रुपये की सांकेतिक राशि में दे दिया जाता है. इसका रिकॉर्ड रखा जाता है. प्रतिदिन 25 से 30 लोगों को यह सामान दिया जाता है. डायलिसिस सेंटर 24 जून 2017 को शुरु हुआ. शुरू में 8 मशीनें रोटरी क्लब से प्राप्त हुईं. इस समय कुल 15 मशीनें हैं. प्रातः 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक तीन शिफ्टों में चिकित्सा जांच का काम हो रहा है. प्रतिदिन लगभग 45 लोगों का डायलिसिस यहां होता है. भूतल में 21 अप्रैल 2018 को एक फैशन डिजाइनिंग केन्द्र शुरु किया गया जो प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है.

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