पौधों की बीस हजार प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर – डॉ. भगवती प्रकाश जी

unnamedजयपुर (विसंकें). “अपना संस्थान” की पर्यावरण विशेषज्ञों की तृतीय संगोष्ठी 05 जुलाई 2018 को भीलवाड़ा के एमएलवी टेक्सटाइल व इंजीनियरिंग कॉलेज में सम्पन्न हुई. जिसमें राजस्थान के 24 स्थानों के 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया.

पैसिफिक विश्वविद्यालय के कुलपति व राजस्थान क्षेत्र के संघचालक डॉ. भगवती प्रकाश जी ने जैव विविधता पर कहा कि दुनिया में पुष्प देने वाले तीन लाख प्रकार के पौधे व डेढ़ लाख प्रकार के कीट पतंगे हैं. आपसी समन्वय से जिनका संवर्द्धन होता है. जिन रसायनों पर यूरोपीय देश प्रतिबंध लगा रहे हैं, दुर्भाग्य से हमारे देश में उनका लगातार उपयोग हो रहा है. पौधों की लगभग बीस हजार प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं. अपना संस्थान के सचिव विनोद मेलाना जी ने बताया कि अपना संस्थान इससे पहले भी उदयपुर व जोधपुर में गोष्ठियां आयोजित कर चुका है. पूरे राजस्थान में दो वर्षों में पांच लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं. अपना संस्थान पौधारोपण के साथ ही वर्षा जल संरक्षण पर काम कर रहा है. भीलवाड़ा में कई कुएं व बावड़ियों की सफाई की गई है, छतों के पानी को सूखे कुओं व बोरिंगों में उतारने का काम चल रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम जी ने प्रकृति और अध्यात्म पर विचार रखे. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में सभी की सहभागिता का आह्वान किया.

पिपलांत्री के सरपंच श्याम जी पालीवाल ने बेटी, जंगल और जमीन, डूंगरपुर नगर परिषद के अध्यक्ष के.के. गुप्ता जी ने स्वच्छता, विनोद मेलाना जी ने वर्षा जल संरक्षण, हुकुम जी पाटीदार ने जैविक खेती, बीकानेर के निर्मल बरड़िया जी ने बीज विकास, उदयपुर के एसपी मेहरा जी ने पक्षी संरक्षण, चित्तौड़ के धर्मपाल जी ने वैदिक वाटिका, जालौर के अविनाश सक्सेना जी ने एग्रोफोरेस्ट्री विषय पर व्याख्यान दिए. अशोक शर्मा जी ने जयपुर प्रान्त व जालौर के खिमाराम ने जोधपुर प्रान्त का वृत्त प्रस्तुत किया.

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eight + 10 =