दारुल उलूम देवबंद का काम क्या सिर्फ फतवे जारी करना है

दारुल उलूम देवबंद के फतवे के अनुसार ‘भारत माता की जय’ बोलने पर मनाही है. ईद पर गले मिलना- इस्लाम की नजर में अच्छा नहीं है.

दारूल उलूम देवबंद अपने विवादित फतवों के लिए दुनिया भर में मशहूर हो गया है. दारूल उलूम देवबंद अभी तक एक लाख से ज्यादा फतवे जारी कर चुका है. वर्ष 2005 से दारूल उलूम ने फतवा के लिए ऑनलाइन विभाग भी स्थापित कर दिया. दारूल उलूम की वेबसाइट पर करीब 35 हजार फतवे उर्दू में और लगभग 9 हजार फतवे इंग्लिश में अपलोड किए गए हैं. फतवा विभाग के ऑनलाइन हो जाने से मुसलमानों की ओर से वेबसाइट पर सवाल आदि भी पूछे जाते हैं. दारूल उलूम अभी तक कई विवादित फतवे जारी कर चुका है. जारी किये गए फतवों में मुस्लिम महिलाओं का गैर मर्द से मेहंदी लगवाना, सी.सी.टी.वी लगवाना हराम बताया गया है. अभी हाल ही में ईद पर गले मिलने को लेकर दारूल उलूम का फतवा काफी सुर्ख़ियों में छाया रहा.

ईद पर गले मिलना इस्लाम की नजर में अच्छा नहीं

इस बार ईद के ठीक पहले पाकिस्तान के एक व्यक्ति ने ऑनलाइन सवाल पूछा कि अगर कोई व्यक्ति आगे बढ़कर ईद की बधाई देने आता है तो क्या उससे गले मिलना ठीक रहेगा ? इस सवाल का जवाब देने के साथ ही दारूल उलूम देवबंद की तरफ से फतवा जारी किया गया. फतवे में कहा गया कि “ ईद के अवसर पर अगर कोई आगे बढ़ कर गले मिलने का प्रयास करता है तो उसको रोक देना चाहिए. ईद के मौके पर एक – दूसरे से गले मिलना इस्लाम की नज़र में अच्छा नहीं है.” ईद के अवसर पर दारूल उलूम का यह फतवा सोशल मीडिया पर खूब जमकर वायरल हुआ और कुछ लोगों ने इसकी आलोचना भी की.

‘भारत माता की जय’ बोलने पर भी मनाही है

कुछ समय पहले, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एम.आई.एम) के सांसद ओवैसी ने कहा था कि “चाहे उनकी गर्दन पर चाकू भी रख दिया जाय तब भी वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे.” ओवैसी के इस बयान के बाद तमाम मजहबी लोगों ने दारूल उलूम से सवाल पूछा कि “जिस तरह से मुसलमान, वन्दे मातरम से परहेज करता है, क्या उसे भारत माता की जय बोलने से भी बचना चाहिए.?” इस पर दारुल उलूम की बैठक बुलाई गई. बैठक के बाद मौलाना लोगों ने फतवा जारी किया कि “मुसलमान, अल्लाह के अलावा किसी की इबादत नहीं कर सकते. भारत माता की जय बोलने का तात्पर्य एक तरह से पूजा करने को लेकर है इसलिए मुसलमानों को भारत माता की जय नहीं बोलना चाहिए.”
‘भारत माता की जय’ बोलने के सम्बन्ध में फतवा जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने वर्ष 2018 के जुलाई माह में यह आदेश जारी किया कि “वक्फ की जितनी भी संपत्तियां हैं. वहां पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडा फहराने के बाद ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया जाएगा. जो कोई भी ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.”

शैतान घूरता है महिलाओं को

वर्ष 2018 में दारुल उलूम का एक और फतवा भी खूब चर्चा में रहा जिसमे कहा गया कि जब कोई महिला घर से निकलती है तो उसे शैतान उसे घूरता है इसलिए बगैर किसी जरूरत के महिलाएं घर से बाहर न निकलें. बहुत जरूरी हो. तभी घर से बाहर निकले. जब भी महिलाएं घर से निकले ढीला वस्त्र पहन कर निकलें. वर्ष 2018 में ही सऊदी अरब में एक फतवा जारी किया गया. दारुल उलूम ने भी इस फतवे का समर्थन किया. इस फतवे में मुस्लिम महिलाओं के फुटबॉल मैच देखने पर पाबंदी लगाई गई. फतवे में कहा गया कि ‘ फुटबॉल खिलाड़ी हाफ नेकर पहनकर मैच खेलते हैं. मुस्लिम महिलाओं की नजर उनके घुटनों पर पड़ती है. गैर मर्दों के घुटनों को देखना इस्लाम में गुनाह है.’
इसी प्रकार दारुल उलूम ने मुस्लिम महिलाओं के लिए फतवा जारी किया कि वह बाजार में गैर मर्द से चूड़ी न पहने. जिन मर्दों से खून का रिश्ता न हो उनके हाथ से चूड़ी पहनना गुनाह है. ऐसे मर्दों के हाथों से चूड़ी पहनने का इरादा लेकर, घर से बाहर निकलना भी गुनाह है. एक अन्य फतवे में कहा गया कि मुस्लिम महिलाएं गैर मर्दों से मेहंदी न लगवाएं. यह गैर इस्लामिक है और शरीयत कानून में अस्वीकार्य है.
एक और फतवा काफी विवादित रहा जिसमे कहा गया कि ‘मुसलमान अपनी संपत्तियों का बीमा न कराएं और न ही अपना मेडिकल बीमा कराएं. इस प्रकार का बीमा कराने से ब्याज मिलता है. ब्याज लेना इस्लाम में हराम माना जाता है. इसी प्रकार सी.सी.टी.वी को गैर इस्लामिक ठहराया गया है. फतवे में कहा गया कि इस्लाम में फोटो खीचना हराम है. सी.सी.टी.वी में फोटो खींची जाती है इसलिए यह गैर इस्लामिक है.
सुनील राय
साभार
पात्र्चजन्य

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