वे पन्द्रह दिन… / 14 अगस्त, 1947
कलकत्ता…. गुरुवार. 14 अगस्त सुबह की ठण्डी हवा भले ही खुशनुमा और प्रसन्न करने वाली हो, परन्तु बेलियाघाट इलाके में ऐसा बिलकुल नहीं है. चारों तरफ फैले कीचड़ के कारण यहां निरंतर एक विशिष्ट...
कलकत्ता…. गुरुवार. 14 अगस्त सुबह की ठण्डी हवा भले ही खुशनुमा और प्रसन्न करने वाली हो, परन्तु बेलियाघाट इलाके में ऐसा बिलकुल नहीं है. चारों तरफ फैले कीचड़ के कारण यहां निरंतर एक विशिष्ट...
डॉक्टर हेडगेवार, संघ और स्वतंत्रता संग्राम – 13 भारतवर्ष की सर्वांग स्वतंत्रता के लिए चल रहे सभी आंदोलनों/संघर्षों पर डॉक्टर हेडगेवार की दृष्टि टिकी हुई थी, यही वजह रही कि डॉक्टर हेडगेवार ने अस्वस्थ रहते हुए भी...
मुंबई… जुहू हवाई अड्डा. टाटा एयर सर्विसेज के काउंटर पर आठ-दस महिलाएं खड़ी हैं. सभी अनुशासित हैं और उनके चेहरों पर जबरदस्त आत्मविश्वास दिखाई दे रहा है. यह सभी ‘राष्ट्र सेविका समिति’ की सेविकाएं...
डॉक्टर हेडगेवार, संघ और स्वतंत्रता संग्राम – 12 14 फरवरी 1930 को अपने दूसरे कारावास से मुक्त होकर डॉक्टर हेडगेवार ने पुनः सरसंघचालक का दायित्व सम्भाला और संघ कार्य को देशव्यापि स्वरूप देने के लिए दिन-रात जुट गए। अब...
आज मंगलवार, 12 अगस्त. आज परमा एकादशी है. चूंकि इस वर्ष पुरषोत्तम मास श्रावण महीने में आया है, इसलिए इस पुरषोत्तम मास में आने वाली एकादशी को परमा एकादशी कहते हैं. कलकत्ता के नजदीक...
डॉक्टर हेडगेवार, संघ और स्वतंत्रता संग्राम – 11 पूर्व में हुए असहयोग आंदोलन की विफलता से शिक्षा लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अब एक और देशव्यापी आंदोलन करने की योजना बनाई. महात्मा गांधी जी को इस...
आज सोमवार होने के बावजूद कलकत्ता शहर से थोड़ा बाहर स्थित सोडेपुर आश्रम में गांधी जी की सुबह वाली प्रार्थना में अच्छी खासी भीड़ है. पिछले दो-तीन दिनों से कलकत्ता शहर में शान्ति बनी...
जयपुर (विसंकें). प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंदकुमार जी ने कहा कि राष्ट्रीय विचारों से भारतीय समाज को एकजुट बनाए रखने का सबसे बेहतर माध्यम पुस्तकें हैं. वर्तमान समय में शिक्षा के...
डॉक्टर हेडगेवार, संघ और स्वतंत्रता संग्राम – 10 संघ संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार तथा उनके अंतरंग सहयोगी अप्पाजी जोशी 1928 तक मध्य प्रांत कांग्रेस की प्रांतीय समिति के वरिष्ठ सदस्य के नाते सक्रिय रहे। कांग्रेस की इन बैठकों एवं...
जिंदगी व मौत को सबसे पास से देखने वाले डाक्टर हर दिन एक नई परीक्षा से गुजरते हैं. किंतु आज तो डाक्टर ॠषि के जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा थी. 23 नौनिहालों की जिंदगी...