Category: vichar

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मन को शांत करने वाली कला है संगीत – डॉ. मोहन भागवत   स्वर साधक संगम का समारोप, समाज से संघ कार्य में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग करने का आह्वान   ग्वालियर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक...

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भारत हिन्दू से अलग नहीं हो सकता – डॉ. मोहन भागवत जी ग्वालियर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि राष्ट्रीय पत्रकारिता द्वारा ‘स्व’-जागरण का अभियान शुरू हो चुका...

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मातृभूमि के विभाजन की वेदना विभाजन के निरस्त होने पर ही मिटेगी : डाॅ.मोहन भागवत   ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम नोएडा. भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मन्दिर में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को...

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सेवा भाव के कारण ही भारतीय संस्कृति जिंदा है- मोहन भागवत नई दिल्ली, 21 नवंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने कहा कि विश्व की कई सभ्यताएं आई और समाप्त हो...

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भारत को विश्व गुरु बना सकने वाला हिंदू समाज खड़ा करना है: डाॅ.मोहन भागवत जम्मू कश्मीर, 3 अक्टूबर।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने अपने जम्मू प्रवास के चौथे दिन रविवार...

मूर्ति पूजा क्या है, क्यों करते हैं ? श्रीश्री रविशंकर 0

मूर्ति पूजा क्या है, क्यों करते हैं ? श्रीश्री रविशंकर

मूर्ति क्या है? एक चिन्ह है। ईश्वर जो निराकार है, जिसका विवरण नहीं हो सकता, जिसे देखा या छुआ नहीं जा सकता, उस ईश्वर को देखने और समझने के लिए आपको एक माध्यम की...

आरएसएस और सामाजिक समरसता : मिथक व तथ्य 0

आरएसएस और सामाजिक समरसता : मिथक व तथ्य

लम्बे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विरोधियों द्वारा यह प्रयास किया गया है कि संघ को एक दलित विरोधी तथा ब्राह्मणवादी संगठन के रूप में प्रस्तुत किया जाए। इन प्रयासों में हाल...

हिन्दू संस्कृति : व्यष्टि से परमेष्ठी की अविरल यात्रा 0

हिन्दू संस्कृति : व्यष्टि से परमेष्ठी की अविरल यात्रा

अपने देश को छोड़कर शेष दुनिया में समाज जीवन को संचालित करने का आधार कानून है, जबकि हमारे यहां धर्म संचालित समाज जीवन है. सृष्टि संचालन के नियमों को समझने में असफल पश्चिम ने...

कम्युनिस्टों को तानाशाह बताते थे डॉ. आंबेडकर 0

कम्युनिस्टों को तानाशाह बताते थे डॉ. आंबेडकर

यह कुछ वैसा ही है कि ‘ उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ’ । पिछले कई दशकों से इस देश के कम्युनिस्ट संगठन व मार्क्सवादी बुद्धिजीवी स्वयं को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का मानस-पुत्र...