अंतरिक्ष में भारत का अपना अलग स्पेस स्टेशन होगा

2022 गगनयान में तीन एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में जाएंगे

भारत बहुत जल्द अंतरिक्ष की महाशक्ति होगा. चंद्रयान-2 और गगनयान के साथ ही इसरो ने अंतरिक्ष में अन्य महत्वाकांक्षी प्रोजेक्टों की योजना तैयार कर ली है. इनमें से एक है – भारत अंतरिक्ष में अपना अलग स्पेस स्टेशन बनाने पर विचार कर रहा है. यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग होगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन डॉ. कै शिवन ने यह जानकारी प्रदान की. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ एक प्रेस वार्ता में डॉ. शिवन ने कहा कि यह एक छोटा मॉड्यूल होगा. इसे मुख्यतः माइक्रोग्रैविटी एक्सपेरिमेंट्स के लिए उपयोग किया जाएगा. इसकी तैयारियों पर काम चल रहा है. लेकिन हम इस प्रोजेक्ट को 2022 के गगनयान मिशन के बाद विस्तार देंगे. इस प्रोजेक्ट को लेकर अन्य जानकारी नहीं दी, लेकिन यह जरूर कहा कि अगले 5-7 साल में इसकी अवधारणा पर काम किया जाएगा.

चंद्रयान-2 और गगनयान पर फोकस

डॉ. शिवन ने कहा, ‘इस समय हमारा पूरा ध्यान 15 जुलाई को लांच होने वाले चंद्रयान-2 और 2022 के गगनयान मिशन पर केंद्रित है.’ भारत के पहले मानव मिशन गगनयान की तैयारियों पर कहा कि गगनयान से तीन एस्ट्रोनॉट स्पेस में जाएंगे. अगले छह महीने में उनके चयन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसके बाद इन अंतरिक्ष यात्रियों को अगले दो साल तक कड़े प्रशिक्षण से गुजरना होगा.

सूरज और वीनस पर भी नजरें

डॉ. शिवन ने कहा, ‘इसरो की नजर अब सूरज और वीनस यानी शुक्र पर भी है. इसरो सूरज के लिए मिशन ‘सन’ ला रहा है. इस मिशन को साल 2020 में आदित्य-एल1 के नाम से शुरू किया जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य सूरज के कोरोना का शोध करना है. यही जमीन पर होने वाले जलवायु परिवर्तन पर सबसे ज्यादा असर डालते हैं. सूरज के लिबरेशन प्वाइंट 1 पर एक सैटेलाइट भेजने की योजना है. अंतरिक्ष में भविष्य की योजनाओं पर डॉ. शिवन ने कहा कि भारत की नजर अंतरिक्ष की ताकत बनने पर है.

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