साथी जवानों के हाथों पर चलकर विदा हुई बलिदानी जवान की बहन

आईएएफ गरुड़ के जवानों ने बहन की शादी के लिये जुटाए सात लाख रुपये

देश पर कुर्बान होने वाले को न तो परिवार कभी भुला पाता है, न ही साथी जवान व फोर्स. इंडियन एयरफोर्स की कमांडो फोर्स गरूड़ के लिए अशोक चक्र विजेता बलिदानी ज्योति प्रकाश निराला ऐसा ही वीर है, जिसे उसकी फोर्स ने भी कभी नहीं भुलाया. ज्योति प्रकाश बिहार के रोहताश जिले के बदलाडीह का रहने वाला था, जिसने कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की थी.

नवंबर 2017 में कश्मीर में बलिदान होने पर ज्योति प्रकाश के परिवार में किसान पिता, 3 बिन-ब्याही बहनों, पत्नी और एक मासूम बेटी बेसहारा हो गये थे. लेकिन यूनिट के साथियों ने कभी साथ नहीं छोड़ा. 02 दिन पहले ज्योति प्रकाश की छोटी और तीनों में से पहली बहन की शादी हुई. शादी धूमधाम से हो, कोई कमी न रहे, इसके लिए गरूड़ यूनिट के हरेक कमांडों ने रुपए जमा किये. कुल मिलाकर 7 लाख रुपये जमा हुए. शादी में कोई परेशानी न हो, इसका भी साथियों ने खूब ख्याल रखा. धूमधाम से शादी हुई, और जब विदाई हुई तो बहन जवानों के हाथों पर चलकर बाहर आई और ससुराल के लिए विदा हुई. फौजी भाईयों का यह स्नेह सबको भावुक करने वाला था.

इंडियन एयरफोर्स की इलीट कमांडो फोर्स गरूड के कमांडो कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला नवंबर 2017 में कश्मीर में तैनात थे. ज्योति प्रकाश की कमांडो टीम को चिनार कॉर्प्स के साथ अटैच किया गया था. एक दिन पता चला कि हाजिन इलाके के चंद्रगढ़ में एक मकान में लश्कर ए तैयबा के 6 आतंकी छिपे हुए हैं, राष्ट्रीय रायफल के साथ ज्वाइंट टीम में ज्योति प्रकाश भी ऑपरेशन में शामिल थे. अचानक आतंकियों ने ज्योति प्रकाश की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. ज्योति प्रकाश आतंकियों के बेहद नजदीक पहुंच गए और एक-एक कर 6 में से 3 आतंकियों को मार गिराया. लेकिन इस दौरान ज्योति प्रकाश भी दुश्मन की गोलियों से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए. 26 जनवरी 2018 को राष्ट्रपति ने ज्योति प्रकाश निराला के अदम्य साहस और वीरता के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था.

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