विसंके जयपुर। भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर है, ऐसे में देश के प्रत्येक नागरिक को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। यदि व्यापारी, अधिकारी, कर्मचारी, नेता, वैज्ञानिक और मजदूर अपना-अपना धर्म और कर्म निभाएगें तो निश्चित राष्ट्र उन्नति के शिखर पर अग्रसर होगा। यह कहना था राजऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के कुलपति भारतसिंह जी का वह बुधवार को अलवर के स्कीम नं.2 स्थित आर्दश विद्या मंदिर प्रागंण में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संध अलवर के वर्ष प्रतिपदा उत्सव पर उपस्थित स्वयंसेवको को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा राष्ट्रीयता के पथ पर चलकर बडे परिर्वतन किए जा सकते है जो राष्ट्र और नागरिकों के लिए हितकर हो सकते है।
मुख्य वक्ता प्रांत सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख महेश शर्मा ने उपस्थित स्वंयसेवको को संबोधित करते हुए वर्ष प्रतिपदा अर्थात भारतीय नववर्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए नववर्ष की शुरूआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होने के अकाट्य साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए सभी को नववर्ष की शुभकामना दी।
उन्होनें कहा सृष्टि के प्रारम्भ का पहला दिन चैत्र शुक्ल एकम् है। उन्होनें कालगणना के अनुसार, ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर ,धार्मिक मान्यताओं तथा प्राकृतिक परिर्वतनां का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा हर दृष्टि से नववर्ष का उत्सव एक जनवरी से न होकर चैत्र शुक्ल एकम् को मनाना ही उचित है। वही उन्होंने संघ के संस्थापक डा.ॅ हेडगवार की जीवनी से सबंधित प्रेरक प्रसंगों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए संघनिष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दी।
संघ के छह प्रमुख उत्सवों में वर्ष प्रतिपदा उत्सव नववर्ष की शुरूआत के साथ प्रथम उत्सव के रूप में मनाया जाता है। वर्ष प्रतिपदा डॉ. हेडगेवार का जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन संघ शाखाओं पर ध्वजारोहण से पूर्व संघ संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगवार जी को आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया जाता है।
कार्यक्रम में विभाग संघ चालक श्री के.के.गुप्ता, विभाग प्रचारक विशाल जी, प्रांत प्रचारक बुद्धिप्रकाश जी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी स्वयंसेवक पूर्णगणवेश में कार्यक्रम में उपस्थित रहे स्वयंसेवकां ने शारिरीक एवं दण्ड प्रदर्शन किया।
आभार
योगेन्द्र शर्मा
नगर प्रचार प्रमुख, अलवर