कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ विरोध बढ़ रहा है तथा पाकिस्तानी इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ कश्मीरियों की आवाज दिन-ब-दिन तेज़ होती जा रही है. इस कारण आतंकी हताशा में हैं, और देशभक्त कश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं. शनिवार को बारामूला में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने अर्जुमंद माजिद नामक एक एक्टिविस्ट को शहीद कर दिया. अर्जुमंद पेशे से केमिस्ट था, बारामूला शहर में उसकी केमिस्ट शॉप थी. वहीं पर आतंकी अर्जुमंद को गोलियों से छलनी कर फरार हो गए.
अर्जुमंद देशभक्त था, जो ड्रग-एडिक्शन के खिलाफ मुहिम के लिए काम करता था. बारामूला में अर्जुमंद को हुर्रियत और पाकिस्तान परस्त आतंकियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों में गिना जाता था. यही वजह थी कि वो सालों से आतंकियों के निशाने पर था. लेकिन उसने कभी इसकी परवाह नहीं की.
टीवी पत्रकार और अर्जुमंद के मित्र आदित्य राज कौल ने सोशल मीडिया पर कुछ यादें शेयर कीं, उनका कहना है कि अर्जुमंद एक बहादुर देशभक्त था जो बेखौफ आतंक के खिलाफ आवाज उठा रहा था.
बहरहाल जम्मू कश्मीर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि अर्जुमंद की मौत पर न तो किसी कश्मीरी नेता ने, न ही किसी कश्मीरी पत्रकार ने और न ही किसी लिबरल एक्टिविस्ट ने अब तक सहानुभूति का एक भी शब्द बोला है. न ही कोई ट्वीट किसी ने किया….वहीं दिल्ली में भी चुप्पी छाई हुई है.