कुंभ की परंपरा के वाहक बनेंगे युवा – शतरुद्र प्रताप सिंह

लखनऊ में 23 दिसंबर को आयोजित होगा ‘युवा विचार कुंभ’

किसी भी देश की शक्ति उसका युवा है. भारत ओजस्वी एवं यशस्वी युवाओं के लिए विश्व विख्यात है. नचिकेता एवं अष्टावक्र जैसे युवाओं ने देश का दिशा-दर्शन किया है. आदि शंकराचार्य, स्वामी रामतीर्थ और स्वामी विवेकानंद जैसे युवाओं ने भारतीय ज्ञान एवं दर्शन को संजोया है. अपने पूर्वजों की उज्ज्वल परंपरा को जीने वाले युवाओं में विश्व को मार्ग दिखाने और देश के विकास में योगदान देने की अपार क्षमता है. प्रयागराज में आयोजित कुंभ से पूर्व 23 दिसंबर को लखनऊ में ऐसे ही पांच हजार युवाओं का ‘युवा विचार कुंभ’ का आयोजन होना है.

लखनऊ में आयोजित होने वाले युवा विचार कुंभ के राष्ट्रीय संयोजक शतरुद्र प्रताप सिंह जी ने जानकारी प्रदान की. वह शिवाजी नगर, भोपाल स्थित विद्या भारती के सभागार में आयोजित युवा नेतृत्व समागम को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य भारत सह प्रांत संघचालक अशोक पाण्डे जी ने की.

युवा कुंभ के राष्ट्रीय संयोजक ने बताया कि कुंभ की परंपरा और उसके वास्तविक उद्देश्य को जन-जन तक पहुँचाने एवं उसकी पुनर्स्थापना के लिए देश के ओजस्वी युवाओं के सम्मेलन के रूप में ‘युवा विचार कुंभ’ का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से किया जा रहा है. मुख्य कुंभ के आयोजन से पूर्व इस प्रकार के अन्य वैचारिक कुंभ भी आयोजित होंगे. युवा विचार कुंभ में शैक्षिक संस्थानों, औद्योगिक संस्थानों, कला, विज्ञान, पत्रकारिता, उद्यम, कृषि, समाजसेवा,अध्यात्म और जनजाति क्षेत्रों से युवा शामिल होंगे. आस्था का महापर्व कुंभ ऐसा अवसर है, जिसमें राजा से लेकर रंक, अमीर-गरीब, विभिन्न वर्गों के लोग एक साथ एक स्थान पर एकत्रित होते हैं और पूर्ण श्रद्धा के साथ स्नान कर धर्म लाभ लेते हैं. कुंभ समरसता का पर्व है.

सह प्रांत संघचालक अशोक पाण्डेय जी ने कहा कि कुंभ मात्र मेला नहीं है, अपितु यह समाज जीवन की दिशा तय करने वाला समागम है. प्रारंभ में कुंभ में देशभर के विद्वान एकत्र आते थे और समाज के वर्तमान और भविष्य की दिशा पर विचार करते थे. वहाँ तय बातों को लेकर समाज के बीच जाते थे. कालांतर में कुंभ की परंपरा बदल गई. किंतु, पुन: कुंभ को वैचारिक कुंभ बनाने के प्रयास प्रारंभ हुए हैं, जिनका स्वागत किया जाना चाहिए. चिंतन-मंथन की प्रक्रिया में देश का युवा शामिल होगा, तो निश्चित ही उसका बहुत लाभ होगा. युवा विचार कुंभ की परिकल्पना सुंदर है और समाज में एक सकारात्मक बदलाव की वाहक बनेगी. इससे पूर्व कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. विश्वास चौहान ने प्रस्तुत की. उन्होंने कुंभ के महत्व एवं उसके आयोजन पर प्रकाश डाला.

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