चामुंडा सेना राजस्थान में मनाया हाइफा युद्ध का शताब्दी वर्ष

 image1 (3)हाइफा डे पर हुआ वीरांगनाओं का सम्मान

जयपुर (विसंकें)। राजस्थान की धरा अनेक वीरगाथाओ से सुशोभित है। देश के लिए इस धरा के अनेक सपूतों में अपना जीवन बलिदान किया। भारत के इतिहास में 23 सितंबर 1918 का दिन अहम भूमिका रखता है। इस दिन जर्मनी और तुर्की सेनाओं को भारत के शूरवीरों ने हाइफा से खदेड़ कर उसे मुक्त कराया। इस युद्ध में जोधपुर लांसर्स का  महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिसका नेतृत्व मेजर दलपत सिंह शेखावत कर रहे थे। जिसमें मेजर दलपत सिंह सहित छ: घुड़सवार शहीद हुए। हाइफा युद्ध के शताब्दी वर्ष पर चामुंडा सेना ने जयपुर के अमर जवान ज्योति पर वीरांगना एवं पूर्व सैनिक सम्मान समारोह का आयोजन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विश्व विभाग प्रमुख रवि अय्यर ने कहा कि राजस्थान के इन वीर सपूतों के चित्र कौशल एवं बहादुरी के कारण इसी युद्ध में विजय प्राप्त हुई। इसी कारण इन वीर सपूतों को “हाइफा हीरो” की उपाधि प्रदान की गई।

अय्यर ने कहा कि युवाओं को इन वीर सपूतों से प्रेरणा लेते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।

कार्यक्रम के संयोजक एवं चामुंडा सेना राजस्थान के अध्यक्ष विक्रम सिंह परिहार ने बताया कि हाइफा डे के इस अवसर पर राजस्थान की 28 वीरांगनाओं का सम्मान किया गया।

इस अवसर पर ब्रिगेडियर करण सिंह राठौड़, कर्नल एन.एस. चौहान, कर्नल जे.एस. बुंदेला, क्रीड़ा भारती राजस्थान के प्रमुख मेघ सिंह चौहान और विश्व संवाद केंद्र के मनोज कुमार उपस्थित रहे।

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