पत्रकारिता लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ – रामदत्त चक्रधर जी

समाज में हो रहे सकारात्मक काम को दिखाने की जरूरत

आद्य संपादक महर्षि वेद व्यास – अतीत और वर्तमान विषय पर गोष्ठी आयोजित

रांची (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर पूर्व क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर जी ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा ही नहीं महत्वपूर्ण स्तंभ है. समाचार पत्र को पढ़ने के बाद लोगों का विभिन्न विषयों पर मन भी बदलता है. समाज के प्रति धारणाएं बदलती हैं. इसलिए वर्तमान समय में समाज में हो रहे सकारात्मक कामों को पढ़ाने की जरूरत है. आज के समय में संपादक के सामने बहुत सारी चुनौतियां रहती है. उन चुनौतियों का मुकाबला करते हुए समाज के लिए उपयोगी खबरों को कई समाचार पत्र पढ़ाने का काम कर भी रहे हैं. रामदत्त जी शुक्रवार को रांची के डोरंडा स्थित वन सभागार में विश्व संवाद केंद्र की ओर से आयोजित आद्य संपादक महर्षि वेद व्यास – अतीत और वर्तमान विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि विश्व संवाद केंद्र ने महर्षि वेद व्यास को आद्य संपादक के रूप में स्थापित करने का काम किया है. यह देश में पहला प्रयास है. वेद व्यास ने महाभारत की रचना की. भगवत गीता को लिखा. महाभारत में जो है वह दुनिया में है. दुनिया में जो नहीं है, वह महाभारत में नहीं है. वेद व्यास की परंपरा में आज भी कई संपादक हैं. संपादक का काम बड़े दायित्व का होता है. उन्हें प्रसार भी देखना पड़ता है, समाचार पत्र की प्रतिष्ठा और विचारधारा भी देखनी पड़ती है र मालिक का भी ध्यान रखना पड़ता है. इन सबको ध्यान में रखते हुए अच्छी बातों को लोगों के सामने लाने की जरूरत है. उन्होंने बाल गंगाधर तिलक, महर्षि अरविंद, बाबा साहेब आंबेडकर एवं महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने पत्र निकालते समय कभी भी विचारों से समझौता नहीं किया.

क्षेत्र प्रचारक जी ने कहा कि 1925 में संघ की स्थापना हुई. धीरे-धीरे काम बढ़ता गया. लोग इनके कामों को समझते भी हैं. फिर भी संघ को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. इसके लिए ही छह खंड में संघ की पुस्तक कृति रूप संघ दर्शन को प्रकाशित किया गया है. इसको पढ़ने से पूरे संघ एवं अनुषांगिक संगठनों के कामों को समझ सकते हैं. पहले भाग में राष्ट्रीय एकात्मकता, दूसरे में शिक्षा एवं संस्कार, तीसरे में सेवा, चौथे में गो ग्राम विकास, पांचवें में अर्थायाम एवं छठे भाग में धर्म रक्षा के बारे में उल्लेख है.

पत्रकारिता लोकतंत्र की ताकत विशेषांक एवं वेबसाइट का लोकार्पण

कार्यक्रम के दौरान पत्रकारिता लोकतंत्र की ताकत विषय पर तैयार विशेषांक एवं विश्व संवाद केंद्र की वेबसाइट का विमोचन अतिथियों ने किया. इस अवसर पर सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह जी ने कहा कि अभी नकारात्मक पत्रकारिता को ज्यादा ध्यान दिया जाता है. इससे बचते हुए अच्छी खबरों को छापने की जरूरत है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जानी जाती है. हमें और आगे बढ़ने की जरूरत है. रामअवतार नारसरिया ने कहा कि पत्रकारिता संक्रमण की दौर से गुजर रहा है. कार्यक्रम का संचालन जिज्ञासा ओझा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विश्व संवाद केंद्र के अरुण वर्णवाल जी ने किया. इस अवसर पर  बड़ी संख्या में शहर के गण्यमान्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम् के साथ हुआ.

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 + three =