भारत की कूटनीति का असर, हाफिज सईद का साला और जमात-उद-दावा का सरगना अब्दुल रहमान मक्की पाकिस्तान में गिरफ्तार,

अब्दुल रहमान मक्की (फाइल फोटो)

अब्दुल रहमान मक्की (फाइल फोटो)

जयपुर (विसंकें)। सिक्योरिटी काउंसिल की फायनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स में भारत के दबाव का असर पाकिस्तान में लगातार देखने को मिल रहा है। आतंकियों पर कार्रवाई के नाम पर पाकिस्तान गुजरांवाला टाउन से हाफिज सईद के खासमखास और आतंकी संगठनों के सेंकड-इन-कमांड मौलाना अब्दुल रहमान मक्की को गिरफ्तार कर लिया। मक्की हाफिज सईद के जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत का हेड भी है। जिनको पाकिस्तान पहले ही बैन कर चुका है। हाफिज सईद के बीमार होने के बाद आतंकी कार्रवाईयों को मक्की ही अंजाम देता था। पाकिस्तान में राजनीतिक मंचों पर, इस्लामिक जलसों में मक्की ही हाफिज सईद का नुमाइंदा होता था। पाकिस्तान में इस्लामिक जमातों के बीच एक बड़े मौलाना के तौर पर देखा जाता है।
लेकिन भारत के लगातार दबाव के चलते पाकिस्तान को अब्दुल रहमान मक्की को गिरफ्तार करना ही पड़ा। अक्टूबर से पहले सिक्योरिटी काउंसिल की फायनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स पाकिस्तान के स्टेट्स पर दोबारा फैसला लिया जाना है। आतंकवाद को बढावा देने के चलते फायनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स पाकिस्तान को पहले ही ग्रे-लिस्ट में डाल चुका है। अगली मीटिंग में पाकिस्तान को ब्लैक-लिस्ट किये जाने की पूरी संभावना है। ऐसे में पाकिस्तान में आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए दिखावा करना बेहद जरूरी है।

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