मीडिया गिरोह और उमर अब्दुल्ला ने गौरक्षकों को बताया हत्या का दोषी, जम्मू कश्मीर पुलिस ने किया खंडन

जयपुर (विसंकें)। गौरक्षक और गौहत्या जैसे शब्दों को लेकर देशभर में किस प्रकार से मेनस्ट्रीम मीडिया ने माहौल बनाने का प्रयास किया है इसका ताजा उदाहरण जम्मू कश्मीर में देखने को मिला। जम्मू कश्मीर में मीडिया, मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने एक बार फिर अफवाह के आधार पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की पुरज़ोर कोशिश की। लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस ने उनके इस प्रयास पर पानी फेर दिया।
दरअसल, बृहस्पतिवार (मई 16, 2019) को भदरवाह में एक शख्स नईम अहमद शाह की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वो अपने 2 साथियों के साथ जानवरों को लेकर अपने गाँव जा रहा था। पुलिस ने संदेह के आधार पर कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। मीडिया गिरोहों ने इसे ‘फ़ौरन गौ तस्करी की अफवाह के बाद दो समूहों में विवाद हुआ शांति बनाए रखने के लिए क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया’ जैसी हैडलाइन के साथ कवर किया।

जानने लायक बात यह है कि जिस क्षेत्र में यह घटना हुई, वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है और वहाँ केवल 7-8 ही घर हिंदू समाज के अनुसूचित वर्ग के हैं।

इस बीच गत बृहस्पतिवार दोपहर तक ये अफवाह फैलाई गई कि नईम की हत्या गौरक्षा के नाम पर की गई है। हालाँकि, पुलिस ने हत्या के कारण की कोई पुष्टि नहीं की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना के बाद सुबह भदरवाह में स्थानीय मस्जिद में सैंकड़ों लोग इकठ्ठा हुए, जिसके बाद सेरी बाजार, ताकिया चौक और पारसी बस स्टैंड में खड़े वाहनों को जलाया गया, पुलिस पर पथराव किया गया, पुलिस को भी भागकर लक्ष्मी नारायण मंदिर में शरण लेनी पड़ी।

मीडिया गिरोह इस हत्याकांड में गौरक्षकों का हाथ साबित करने पर तुले हैं।

इस खबर को ‘गौहत्या’ का रूप देकर दोपहर बाद इस अफवाह को खबर बनाकर तमाम मीडिया संस्थानों द्वारा जमकर चलाया गया और नैरेटिव बनाते हुए बताया जाने लगा कि भदरवाह में एक मुस्लिम शख्स की हत्या गौरक्षकों द्वारा की गई। आजतक, एनडीटीवी, ग्रेटर कश्मीर, कश्मीर रीडर समेत कश्मीर और देश के कई निष्पक्ष मीडिया संस्थानों ने बिना पुलिस की पुष्टि के ही इस खबर को एजेंडे के तहत प्रसारित करना जारी रखा।

इसके बाद पूरे जम्मू कश्मीर में माहौल तनावपूर्ण हो गया। कई जगहों पर हिंदू परिवारों को निशाना बनाने की कोशिश की गयी। लेकिन, पुलिस ने बड़ी मुस्तैदी से मामले को संभाल लिया। जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक बयान जारी कर मुस्लिम संगठनों और मीडिया के प्रौपगैंडा का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने साफ कहा कि मीडिया गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग कर रही है, अभी तक जांच में हत्या के कारण का पता नहीं चल पाया है।

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