नववर्ष के उपलक्ष्य में शहर में लगाई गई थीं भगवा पताकाएं
जयपुर (विसंकें)। बीकानेर में वर्ष प्रतिपदा (नववर्ष) के अवसर पर शहर को भगवा पताकाओं से सजाया गया था। 06 अप्रैल को भव्य शोभा यात्रा भी निकाली गई थी। लेकिन शायद कांग्रेस राज में भगवा पताकाओं से शहर सजाना प्रशासन को रास नहीं आया। उन्होंने जेसीबी से पताकाएं उतारना शुरू कर दिया। लेकिन जैसे ही स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी मिली तो वे मौके पर एकत्रित हो गए तथा विरोध शुरू कर दिया। जनता के विरोध के समक्ष प्रशासन को झुकना पड़ा और भगवा पताकाएं पुनः लगवाई गईं।
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे के चलते यह कवायद हुई। कहा यह भी जा रहा है कि प्रशासन पर भगवा पताकाएं हटाने का दबाव था। मुख्यमंत्री गहलोत को रविवार को जस्सूसर गेट स्थित सीताराम भवन में एक कार्यकर्ता सम्मेलन संबोधित करना था। इसके लिए वे वहां से गुजरने वाले थे। ऐसे में प्रशासन ने भारतीय नववर्ष पर एक दिन पहले लगाए झंडे-बैनर उनके रास्ते से हटवाने शुरू कर दिए। हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को इसकी सूचना मिली तो संयोजक जेठानंद व्यास के नेतृत्व में लोग एकत्रित हो गए और प्रशासन को विरोध का सामना करना पड़ा। गंदगी उठाने वाली जेसीबी में भगवा पताकाएं देख लोगों का आक्रोश बढ़ गया। लोग जस्सूसर गेट क्षेत्र से झंडियां-बैनर हटा रहे दस्ते की जेसीबी के आगे बैठ गए व रास्ता जाम कर दिया। लोगों को कहना था कि ये पताकाएं संस्कृति का प्रतीक हैं न कि किसी राजनीतिक पार्टी का, तो फिर प्रशासन व सरकार को इनसे चिढ़-घृणा क्यों?
तनाव बढ़ता देख मौके पर पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी, लेकिन कार्यकर्ता नहीं हटे। एक बार तो पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत भी आ गई। आखिरकार प्रशासन ने झंडियां वापस लगानी शुरू कीं, तभी लोगों ने धरना खत्म किया।