शरिया के नाम पर निवेश कराकर 500 करोड़ से अधिक ठगे, 8000 लोगों ने की शिकायत

जयपुर (विसंकें). कर्नाटक में साल 2006 में आई मॉनेटरी एडवायजरी (आईएमए) नाम से एक इस्लामिक बैंक और हलाल निवेशक कंपनी का कार्यालय खोला गया. आईएमए ने अपने यहां निवेश करने वालों को 14 से 18 फीसदी प्रति माह के बीच ब्याज देने का वादा किया. लोग उनसे जुड़ने लगे और कंपनी निवेश करने वालों की संख्या दिन ब दिन बढ़ने लगी. 13 साल तक लगातार बैंक से जुड़ते रहे और अब बैंक के दरवाजे बंद हो गए हैं. लोगों को जब उनके साथ ठगी होने का पता लगा तो लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवानी शुरू की. प्रतिदिन शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है. हजारों की संख्या में लोग पुलिस के पास पहुंच रहे हैं.

पुलिस के पास अब तक इस तरह की लगभग 8000 शिकायतें आ चुकी हैं, किसी में 10 लाख निवेश किए जाने के सबूत दिए जा रहे हैं तो किसी में 2 से 3 करोड़ रुपये के. कुछ लोगों ने बैंक में गोल्ड भी गिरवी रखा था.

शरिया कानून का हवाला देकर बढ़ाया निवेश

आईएमए ने उन्हें ‘हलाल’ निवेश विकल्प की पेशकश की. शरिया कानून के अनुसार इस्लाम में किसी भी जमा पर ब्याज का पैसा उपयोग नहीं किया जाता. उसे गरीबों में दान कर दिया जाता है. आईएमए के मंसूर खान ने इसका फायदा उठाया, उसने लोगों से कहा कि वो शरिया कानून के तहत उनकी कंपनी में निवेश कर सकते हैं. जो निवेश करेगा, उसको ब्याज नहीं दिया जाएगा, बल्कि कंपनी को जो लाभ होगा उसका एक निश्चित प्रतिशत उन्हें मिलेगा. ऐसी बातें होने पर निवेशकों की संख्या में इजाफा हो गया. जो लोग शरिया कानून का पालन करते हैं और मानते हैं कि वे बैंकों में पैसा जमा नहीं करते हैं. ‘हलाल’ विकल्प को उस राशि के रूप में माना जाता है, जिसे इस्लामिक कानून के तहत स्वीकार की गई वस्तुओं के व्यापार में निवेश किया जा सकता है और निवेशकों के साथ लाभ साझा किया जाता है. इस प्रकार, यहां शिकायतकर्ता निजी कंपनी के शेयरधारक बन गए जो इसका लाभ साझा करेंगे. कुछ निवेशक ऐसे भी थे जिन्होंने उनके ‘मौलवी’ के कहने पर यहां निवेश किया था.

आईएमए का इतिहास

आईएमए का ऑफिस बंगलूरू के शिवाजी नगर में स्थित है. आईएमए ग्रुप के एकमात्र मालिक मोहम्मद मंसूर खान हैं. मंसूर खान ने 2006 में आई मॉनेटरी एडवायजरी नाम से एक इस्लामिक बैंक और हलाल निवेशक कंपनी को शुरू किया था. आईएमए ने 14 से 18 फीसदी प्रति माह के बीच निवेश पर ब्याज देने की बात भी कही थी. बेंगलुरू में लेडी कर्ज़न रोड पर स्थित आईएमए गोल्ड के कार्यालय के सामने भी लोग प्रतिदिन पहुंच रहे हैं. आई मॉनेटरी एडवाइज़री कंपनी बंद है. ये चिटफ़ंड कंपनी बुनियादी ढांचा, गोल्ड, फ़िक्स डिपॉज़िट, रियल इस्टेट, फ़ार्मास्युटिकल्स आदि में अपने पैसे लगाती थी. पुलिस ने बताया कि कंपनी एक दशक से ज़्यादा समय से इस शहर में कारोबार कर रही है, लेकिन उसके ख़िलाफ़ पहले एक भी शिकायत दर्ज नहीं थी. सोमवार से ऑफिस के बाहर हजारों निवेशक जमा हो रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं.

कंपनी एक दशक से कारोबार में

आईएमए कंपनी बीते एक दशक से अधिक समय से इस कारोबार में है, इस वजह से इस पर अधिक लोगों का विश्वास भी जम गया था. इसी विश्वास की वजह से लोग इसके साथ जुड़ते गए. अब इस कंपनी के आफिस पर ताला लग गया है.

लोकसभा चुनाव के बाद से खराब होने लगे हालात

जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव का परिणाम आ जाने के बाद से ही इस कंपनी के हालात खराब होने लगे थे. कुछ निवेश करने वाले जब यहां पर अपना पैसा वापस लेने के लिए पहुंचे तो उनको बताया गया कि वो पैसे न निकालें, चुनाव के बाद हालात ठीक हो जाएंगे फिर सभी को दिए गए समय के हिसाब से उनका ब्याज मिलने लगेगा. मगर ऐसा हुआ नहीं.

मंसूर खान ने कमिश्नर पर लगाए आरोप

मंसूर खान ने शहर के पुलिस कमिश्नर को संबोधित अपने ऑडियो क्लिप में दावा किया है कि अधिकारियों और शिवाजी नगर एमएलए की ओर से उसे परेशान किया जा रहा है. इसलिए वो आत्महत्या कर लेंगे. ख़ान ने उन पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 400 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया है, क्योंकि कथित तौर पर उन्हें कांग्रेस पार्टी से टिकट मिलना तय था. क्लिप में उसने कहा है कि भ्रष्ट राजनेताओं और अधिकारियों को रिश्वत दे-देकर थक गया हूं. अब इनको और पैसे नहीं दे सकता. खान ने अपनी क्लिप में कांग्रेस के विधायक और वरिष्ठ नेता पर आरोप लगाए हैं. खान का दावा है कि उससे 400 करोड़ रुपये लिए थे और देने से इनकार कर रहे हैं. खान ने कहा कि उसकी जान को खतरा है.

तीन दिन में 8000 शिकायतें

इस कंपनी में कितने लोगों ने निवेश किया होगा, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र तीन दिन में पुलिस के पास 8000 शिकायतें पहुंच चुकी हैं, अब ये सभी पुलिस से अपना निवेश किया गया पैसा वापस दिलाने की गुहार लगा रहे हैं. इसी के साथ इस घोटाले की रकम का भी ठीक ठीक अंदाजा लगाना मुश्किल है. कोई 200 करोड़ तो कोई 500 करोड़ के घोटाले की बात कह रहा है. पुलिस भी अभी इस मामले में कुछ कह पाने से बच रही है.

बेंगलुरू ईस्ट के एडिशनल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस सीमंथ कुमार सिंह ने बताया कि “लोग चिंतित हैं और उनमें आक्रोश है, इसलिए हमने महसूस किया कि एक ही जगह पर शिकायत करने की सुविधा दी जाए. सोमवार की रात 3 बजे सुबह तक लोगों की शिकायतें लीं. मंगलवार की शाम तक हमें सात से 8,000 शिकायतें मिली हैं. बंगलूरू पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

https://www.jagran.com/news/national-500-crore-cheating-in-the-name-of-investment-in-karnataka-jagran-special-19308632.html

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