सरसंघचालक जी ने किया संघ के नये साहित्य का विमोचन

दो पुस्तको (पूण्य भूमि भारत और संस्कार कथा) को हुआ विमोचन  

खण्ड कार्यवाह अभ्यास वर्ग में पूज्य सरसंघचालक जी द्वारा साहित्य विमोचन

खण्ड कार्यवाह अभ्यास वर्ग में पूज्य सरसंघचालक जी द्वारा साहित्य विमोचन

खण्ड कार्यवाह अभ्यास वर्ग में पूज्य सरसंघचालक जी द्वारा साहित्य विमोचनविसंके जयपुर, 17 सितम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने अपने राजस्थान प्रवास के पांचवे दिन केशव विद्यापीठ जामडोली में चले रहे खण्ड कार्यवाह अभ्यास वर्ग में पूण्य भूमि भारत और संस्कार कथा नामक दो नई पुस्तको का विमोचन किया।

इन पुस्तको का प्रकाशन ज्ञान गंगा द्वारा किया गया है। पूण्य भूमि भारत पुस्तक का संकलन संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक श्रीनाथ राव ने तथा संस्कार कथा प्राचीन ग्रंथ व अनुभवों से पूज्य रमणनाथ जी महाराज द्वारा संकलित कथाओं का संग्रह है।।।  पुस्तक परिचय (पूण्य भूमि भारत) ।।
इस पुस्तक में भारत की भौगोलिक, सांस्कृतिक, राजनितिक तथा सामाजिक जानकारियां दी गयी है। इसमें भारत के वैभव, सांस्कृतिक गौरव के साथ अखंड भारत का दर्शन करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक में हमारे राष्ट्रीय नायक, संत, प्रमुख शासको के साथ विभिन्न राज्यों का भी संकलन किया गया है। देश की गौरवमयी मातृशक्ति, वैज्ञानिक और हमारे अनुसंधानों के बारे में भी जानकारी दी गयी है। भारतीय संसद में दीवारों पर उकेरित श्लोक और उनके अर्थ का संकलन भी इस पुसतक में है।भारतीय सामान्य ज्ञान के लिये यह अत्यन्त उपयोगी पुस्तक है, जिसमे भारत से जुडी समस्त जानकारी एक साथ संग्रहित की गई है। कम्पीटीशन की तैयारी करने वालों विद्यार्थियों के लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी सि़़़द्ध होगी। पुस्तक में जानकारी के साथ चित्र भी दिए गए है। जिससे छोटे बच्चों को भी भारत को अच्छी प्रकार से जानने और समझने का मौका मिलेगा।

इसमें हिंदी के साथ साथ कुछ अंग्रेजी भाषा में भी सामग्री है। चित्रों से पुस्तक सरल व रुचिकर बनी है । 40 पृष्ठों की झ्स  पुस्तक में भारत की संस्कृति के स्वरुप को  दर्शाया गया है । साथ में इस पुस्तक की उपयोगिता के लिए पर्यटन स्थान जो राष्ट्रीय तीर्थ बने हैं उन स्थानों का पता भी दिया हुआ है।

।। संस्कार कथा ।।
प्राचीन ग्रंथ  व अनुभवों  से पूज्य रमणनाथ जी महाराज द्वारा संकलित कथाओं का संग्रह इस पुस्तक में है। संस्कार कथा में 38 कहानियां को 64 पृष्ठों में समाहित किया गया है। ये कहानियां प्रेरणा एवं संस्कार देने वाली है।

इन पुस्तकों का संघ के स्वयंसेवको द्वारा साहित्य बिक्री सप्ताह में शहर के प्रमुख चौराहों, मन्दिरों सहित प्रमुख स्थानों पर विक्रय किया जायेगा।

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